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SBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में किया बदलाव, इन्वेस्ट करने से पहले जान लें ये लेटेस्ट अपडेट

Latest SBI FD Rates: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 15 दिसंबर से FD की ब्याज दरों में बदलाव किया है. बैंक ने कुछ लंबी अवधि की FD पर ब्याज घटाया है, जबकि ज्यादातर जमाओं पर पुरानी दरें बरकरार रखी गई हैं. इसका असर सीधे निवेशकों के रिटर्न पर पड़ेगा.

Latest SBI FD Rates: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 15 दिसंबर से अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और ऋण (Loan) ब्याज दरों में बदलाव कर दिया है. बैंक ने चुनिंदा लंबी अवधि की FD दरों में कटौती की है, जबकि कर्ज लेने वालों को राहत देते हुए लोन की दरें घटाकर दोहरी घोषणा की है.

FD इंवेस्टर्स के लिए क्या बदला

SBI ने सावधि जमा दरों में व्यापक बदलाव करने के बजाय सिर्फ सीमित अवधि को ही संशोधन के दायरे में रखा है. 2 साल से 3 साल की अवधि वाली FD पर ब्याज दर में हल्की कटौती की गई है. इस अवधि में सामान्य ग्राहकों को अब 6.40 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.90 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. बैंक ने स्पष्ट किया है कि छोटी अवधि की FD और 3 साल से अधिक की लंबी अवधि वाली जमा योजनाओं पर पुरानी दरें ही लागू रहेंगी.

ज्यादातर FD पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं

7 दिन से लेकर 2 साल तक की FD और 3 साल से 10 साल की लंबी अवधि वाली FD पर SBI ने कोई बदलाव नहीं किया है. इसका मतलब है कि बैंक ने बचतकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित फैसला लिया है, ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे और डिपॉजिट फ्लो प्रभावित न हो.

RBI की नीति का दिखा असर

हाल में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद बैंकिंग सिस्टम में ब्याज दरों को लेकर हलचल तेज हुई थी. SBI का यह कदम उसी मौद्रिक माहौल को दर्शाता है, जहां बैंकों पर डिपॉजिट और लोन दोनों को संतुलित रखने का दबाव है.

कर्ज लेने वालों को सीधी राहत

FD दरों के साथ-साथ SBI ने लोन ग्राहकों के लिए भी राहत का ऐलान किया है. बैंक ने External Benchmark Linked Rate को घटाकर 7.90 प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा, सभी अवधियों की MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. एक साल की MCLR अब 8.70 प्रतिशत हो गई है, जबकि Base Rate और BPLR को 9.90 प्रतिशत पर लाया गया है.

इंवेस्टर और बॉरोअर दोनों के लिए संकेत

SBI का यह फैसला साफ संकेत देता है कि बैंक मौजूदा आर्थिक हालात में निवेशकों और कर्ज लेने वालों दोनों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहता है. FD निवेशकों को सीमित असर झेलना होगा, जबकि लोन लेने वालों को EMI में राहत मिल सकती है.

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Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले दो वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के मुद्दों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल टीम से जुड़ा हूं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ग्राउंड रिपोर्टिंग और विस्तृत राजनीतिक कवरेज किया है. अब बिजनेस बीट पर काम करते हुए निवेश, सरकारी योजनाओं और आर्थिक मामलों से जुड़ी खबरों को सरल और स्पष्ट रूप में पाठकों तक पहुंचा रहा हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और पारदर्शी प्रस्तुति को हमेशा प्राथमिकता देता हूं.

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