Stock Market: बुधवार को भारतीय शेयर बाजार कमजोर रुख के साथ खुला और लगातार 12वें महीने नकारात्मक रिटर्न दर्ज किए. निफ्टी 50 25,108.75 पर खुला, जो 60.75 अंक (0.24%) की गिरावट दर्शाता है. वहीं, बीएसई सेंसेक्स 81,917.65 पर 184.45 अंक (0.22%) फिसलकर सत्र की शुरुआत की.
घरेलू और वैश्विक कारणों का दबाव
हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती से बाजार को कुछ सहारा मिला था, लेकिन H-1B वीजा विवाद और अमेरिकी शुल्क जैसे वैश्विक मुद्दों ने निवेशकों की धारणा पर दबाव बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि एफपीआई (FPI) की लगातार बिकवाली और प्राइमरी इश्यू पाइपलाइन ने सेकेंडरी मार्केट से तरलता खींच ली है. बाजार विशेषज्ञ अजय बागा ने कहा, “भारतीय बाजारों में कमजोरी का माहौल है. 12 महीने की गिरावट के बाद ऐतिहासिक रूप से बाजार बेहतर प्रदर्शन करते हैं. हालांकि, इसके लिए कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार की जरूरत होगी, जो अगले एक-दो तिमाहियों में संभव है.”
सेक्टोरल प्रदर्शन
- निफ्टी ऑटो 0.02% टूटा
- निफ्टी आईटी 0.31% फिसला
- निफ्टी प्राइवेट बैंक 0.31% कमजोर रहा
हल्की मजबूती निफ्टी मीडिया, निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी FMCG में देखी गई, जो 0.08% बढ़े.
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स
- निफ्टी 100 और निफ्टी मिडकैप 100 नकारात्मक क्षेत्र में रहे
- निफ्टी स्मॉलकैप 100 में हल्की तेजी दर्ज की गई और यह 0.05% ऊपर रहा
वैश्विक संकेत भी कमजोर
अमेरिकी बाजार भी नरम रहे. फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल ने कहा कि ब्याज दरों को घटाने में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि बाजार की सुस्ती और महंगाई दोनों ही जोखिम बने हुए हैं.”महंगाई का जोखिम ऊपर की ओर और रोजगार का जोखिम नीचे की ओर झुका है.
यह संतुलन आसान नहीं है,” पॉवेल ने कहा भारत में एफपीआई बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताओं ने बाजार को दबाव में रखा है. अब निवेशकों की नजर आने वाली तिमाहियों में कॉर्पोरेट नतीजों पर है, जो रिकवरी का ट्रिगर साबित हो सकते हैं.
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