Free Trade Agreement: भारत पर 50% तक टैरिफ लगाना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. ग्लोबल साउथ रणनीति के तहत भारत ने एशियाई देशों के साथ ही खाड़ी के देशों के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को बढ़ावा दे रहा है, ताकि इनके साथ द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाया जा सके. इसी सिलसिले में भारत कतर के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) करने जा रहा है. इसके लिए ओमान जल्द ही इसके मसौदे को अंतिम रूप दे देगा और कतर ने भी भारत के साथ व्यापारिक समझौते करने की इच्छा जाहिर की है. यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को दी है.
ओमान के साथ जल्द होगा भारत का समझौता
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को जानकारी दी कि ओमान के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) जल्द ही अंतिम चरण में पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि कतर ने भी भारत के साथ ऐसे समझौते पर बातचीत की इच्छा जताई है. यह भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक साझेदारी को एक नई ऊंचाई देने वाला कदम है.
भारत के मौजूदा एफटीए और नए साझेदार
भारत पहले ही कई विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) शामिल हैं. इसके अलावा, भारत यूरोपीय संघ (ईयू), अमेरिका, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू जैसे देशों के साथ भी समझौतों पर बातचीत कर रहा है. इन समझौतों के जरिए भारत को नए बाजार और निवेश के अवसर मिलेंगे.
यूरोपीय संघ के साथ वार्ता तेज
पीयूष गोयल ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ के बीच वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल अगले सप्ताह ब्रसेल्स का दौरा करेंगे और 8 सितंबर से दिल्ली में 13वें दौर की बातचीत होगी. इसके बाद, यूरोपीय व्यापार आयुक्त मारोस सेफ्कोविक भारत आकर वार्ता की प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं. यह संकेत है कि आने वाले महीनों में भारत और यूरोपीय संघ के बीच समझौते को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है.
ओमान और कतर का महत्व
भारत और ओमान के बीच एफटीए अगले कुछ हफ्तों में अंतिम रूप ले सकता है. ओमान जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है. खाड़ी सहयोग परिषद में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं. भारत ने पहले ही 2022 में यूएई के साथ ऐसा समझौता किया था, जिसका लाभ दोनों देशों को मिल रहा है. अब कतर की रुचि भारत के लिए नए अवसर और निवेश की संभावनाओं का द्वार खोलेगी.
अमेरिका और अन्य देशों के साथ संभावनाएं
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर भी बातचीत जारी है. इसके पहले चरण को इस साल अक्टूबर-नवंबर तक पूरा करने की योजना है. साथ ही, सऊदी अरब ने भी जीसीसी समूह के माध्यम से इसमें रुचि दिखाई है. इन प्रयासों से भारत वैश्विक व्यापारिक साझेदारी में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा.
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के फायदे
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत साझेदार देश अधिकतर वस्तुओं पर सीमा शुल्क घटा या समाप्त कर देते हैं. इससे व्यापार की लागत घटती है, बाजार का विस्तार होता है. इससे निवेश आकर्षित होते हैं. सेवाओं में व्यापार और निवेश मानकों में ढील देने से उद्योगों को भी बड़ा फायदा मिलता है.
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भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहती है दुनिया
पीयूष गोयल के अनुसार, ‘‘पूरी दुनिया भारत के साथ व्यापार बढ़ाना चाहती है.’’ ओमान और कतर जैसे देशों के साथ एफटीए भारत को खाड़ी देशों में नई पहचान देगा. वहीं, यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य देशों के साथ जारी वार्ताएं भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका को और सशक्त बनाएंगी. यह कदम भारत की निर्यात क्षमता, निवेश और व्यापारिक साझेदारी को नए स्तर तक पहुंचाने में निर्णायक साबित होगा.
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