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ग्रीन सिटी कैसे बनेगी रांची, कहां है मास्टर प्लान? वीडियो में देखें एक्सपर्ट की राय

Green City Ranchi: रांची को ग्रीन सिटी बनाने की दिशा में सीआईआई आईजीबीसी के विशेषज्ञों ने मास्टर प्लान की जरूरत पर जोर दिया है. आर्किटेक्ट राजीव चड्डा का मानना है कि खाली सरकारी जमीनों पर मिनी फॉरेस्ट लगाकर पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है. वहीं, निदेशक एम आनंद के अनुसार ग्रीन बिल्डिंग और नए रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स पर विशेष प्रोग्राम लागू किए जा रहे हैं. ग्रीन सिटी रांची मिशन से शहर में आधुनिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सतत शहरी जीवनशैली को बढ़ावा मिलेगा.

Green City Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची को स्मार्ट और ग्रीन सिटी बनाने का सपना देखा जा रहा है, लेकिन इसका विकास कैसे होगा? यह सवाल इसलिए मौजूं है, क्योंकि अधिकतर सरकारी अधिकारियों और आदमी को रांची के मास्टर प्लान के बारे में जानकारी नहीं है. प्रसिद्ध आर्किटेक्ट और सीआईआई आईजीबीसी रांची चैप्टर के चेयरमैन राजीव चड्डा यही सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. रांची में विकास के नाम पर कई काम कराए गए हैं, लेकिन उनमें मेंटेनेंस के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. रांची के विकास के लिए सरकार की ओर से कब मास्टर प्लान बनाया गया, उसकी रूपरेखा क्या है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. इस मुद्दे पर प्रभात खबर ने सीआईआई आईबीजीसी के दो अधिकारियों से बात की. इनमें एक सीआईआई आईजीबीसी रांची चैप्टर के चेयरमैन राजीव चड्डा और दूसरे सीआईआई आईजीबीसी रांची चैप्टर के निदेशक एम आनंद हैं. आइए, जानें ये दोनों रांची के बारे में क्या कहते हैं?

खाली सरकारी जमीन पर लगाइए मिनी फॉरेस्ट: राजीव चड्ढा

सीआईआई आईजीबीसी के रांची चैप्टर के चेयरमैन राजीव चड्डा कहते हैं, ‘रांची ग्रीन रांची कैसे बनेगी? इस सवाल पर मेरे मन में तीन बाते हैं. कहना आसान है, मगर तरीके आसान हैं. लेकिन कहने के लिए विल होना चाहिए. पहला मैं यह कहना चाहूंगा कि रांची में जो भी गवर्नमेंट लैंड वैकेंट हैं, जिसमें कोई कंस्ट्रक्शन पॉसिबल नहीं है. जैसे कि डिस्टिलरी पुल के पीछे करीब एक एकड़ जमीन खाली पड़ी है. वहां आप मिनी फॉरेस्ट लगाइए.’

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ग्रीन रांची पर बन गया है प्रोग्राम: एम आनंद

सीआईआई आईजीबीसी के डायरेक्टर एम आनंद का कहना है, ‘ग्रीन रांची मिशन अमेजिंग मिशन है. आईजीबीसी और सरकार दोनों का मिशन है. रांची में ढेर सारी सरकारी इमारतें, स्कूल्स और मॉल्स हैं. दूसरी चीज है कि रांची में नई इमारतें, नए रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, नए मॉल्स और नए सरकारी ऑफिसेज बन रहे हैं. इन सबके लिए आईजीबीसी बेहतरीन प्रोग्राम बना चुका है. ये बहुत जल्द ही रांची में आ जाएंगे. दूसरा, ग्रीन बिल्डिंग के प्रोग्राम पर भी हम लोग काम कर रहे हैं. अब सवाल यह है कि ग्रीन बिल्डिंग कैसे बनेंगी?’

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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