39.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

‘भारत की अर्थव्यवस्था का बीत गया सबसे बुरा दिन, दिसंबर से अच्छे दिन आने के संकेत’

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिनों के संकेत आने शुरू हो गए हैं. कोरोना महामारी की वजह से उपजे हालात में वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत की आर्थिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव पड़ा, लेकिन लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां तेज होने की वजह से अब धीरे-धीरे सुधारों की गति तेज हो रही है. कारोबारियों और अर्थशास्त्रियों को इस बात की उम्मीद है कि इस साल के दिसंबर की तिमाही में स्थिति बहुत हद तक सुधर सकती है.

मुंबई : भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिनों के संकेत आने शुरू हो गए हैं. कोरोना महामारी की वजह से उपजे हालात में वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत की आर्थिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव पड़ा, लेकिन लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां तेज होने की वजह से अब धीरे-धीरे सुधारों की गति तेज हो रही है. कारोबारियों और अर्थशास्त्रियों को इस बात की उम्मीद है कि इस साल के दिसंबर की तिमाही में स्थिति बहुत हद तक सुधर सकती है.

आवास ऋण का कारोबार करने वाली वित्तीय कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा है कि सबसे बुरा वक्त पीछे छूट चुका है और आर्थिक सुधार की गति उम्मीद से अधिक तेज है. उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही के दौरान वृद्धि इससे पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले बेहतर रह सकती है. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना लचीलापन साबित किया है.

मिस्त्री ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन संवाद में कहा कि अनुकूल ब्याज दरों का दौर आगे भी जारी रहेगा और आर्थिक गतिविधियों में गति तेज होने और मुद्रास्फीति के दबाव बढ़ने के बाद ही दरें बढ़ेंगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्याज दरेa अपने निचले स्तर पर आ चुकी हैं.

एआईएमए ने एक विज्ञप्ति में मिस्त्री के हवाले से कहा कि सरकार को रोजगार देने वाले क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए और उनके मुद्दों को प्राथमिकता के साथ हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आवास और अचल-सम्पत्ति के कारोबार में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार मिले हुए हैं. इसमें काम करने वालों को निम्न कौशल की आवश्यकता होती है.

मिस्त्री ने विनिर्माण क्षेत्र को भी मदद दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि आवास एवं अचल सम्पत्ति क्षेत्र में अवरुद्ध ऋणों का अनुपात इकाई अंक में ही रहेगा. उन्होंने कहा कि कोराना वायरस महामारी से उत्पन्न परिस्थितयों में जिनकी नौकरियां गयी, उनमें से अधिकांश निम्न आयवर्ग के श्रमिक हैं. ऐसे वर्ग के लोगों की नौकरियां ज्यादा नहीं छूटीं, जो होम लोन लेते हैं.

Also Read: COVID-19 के चलते गहरे संकट में भारतीय अर्थव्यवस्था, S&P ने 5 फीसदी तक गिरावट का जताया अनुमान

Posted By : Vishwat Sen

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें