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आधा भारत नहीं जानता SIF क्या है? जान जाएगा तो लगाने लगेगा दौड़

SIF: सेबी ने 1 अप्रैल 2025 से 'स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड' (एसआईएफ) की शुरुआत की है, जो म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) के बीच का अंतर भरता है. एसआईएफ हाई रिस्क सहने की क्षमता रखने वाले निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया, जो बेहतर रिटर्न दिलाता है. यह निवेशकों को विशेष रणनीतियों के माध्यम से विविधीकरण, टैक्स बेनिफिट और बंपर रिटर्न की संभावनाएं प्रदान करता है. एसआईएफ में न्यूनतम निवेश 10 लाख रुपये है.

SIF: एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और म्यूचुअल फंड मोटी कमाई करने और बेहतर रिटर्न करने के सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं. लेकिन, अगर आपमें हाई रिस्क सहने की क्षमता है और आप मोटी रकम निवेश करना चाहते हैं, तो निवेश का एक और विकल्प है, जिसे ‘स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड’ (एसआईएफ) कहा जाता है. हालांकि, भारत के अधिकतर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. जो इस विकल्प को जानते हैं और हाई रिस्क के साथ मोटी कमाई करना चाहते हैं, वे इसके जरिए मोटी रकम निवेश कर रहे हैं. आइए, जानते हैं कि एसआईएफ क्या है और यह कैसे काम करता है?

एसआईएफ क्या है?

आदित्य बिड़ला कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसआईएफ एक सेबी की ओर से पेश किया गया विनियमित निवेश उत्पाद है, जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स से अधिक लचीलापन प्रदान करता है. यह विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है जो हाई रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं और बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं. एसआईएफ में निवेशकों को विशेष रणनीतियों के माध्यम से विविधीकरण, टैक्स बेनिफिट और हाई रिटर्न की संभावनाएं मिलती हैं.

एसआईएफ कब पेश किया गया था?

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 1 अप्रैल 2025 से एक नई निवेश श्रेणी की शुरुआत की है. यह म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) के बीच का अंतर भरने का प्रयास है, जिससे निवेशकों को अधिक लचीले और विविध निवेश विकल्प मिल सकें.

एसआईएफ की खासियत क्या है?

  • लचीलापन: एसआईएफ पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स की तुलना में अधिक लचीले होते हैं, जिससे फंड मैनेजर्स को विभिन्न निवेश रणनीतियां अपनाने की आजादी मिलती है.
  • हाई रिस्क और बंपर रिटर्न: यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो हाई रिस्क सहने की क्षमता रखते हैं और बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं.
  • विशेष रणनीतियां: एसआईएफ में निवेशकों को विभिन्न रणनीतियों के माध्यम से विविधीकरण, टैक्स बेनिफिट और बंपर रिटर्न की संभावनाएं मिलती हैं.

एसआईएफ में निवेश की पात्रता क्या है?

  • न्यूनतम निवेश: एसआईएफ में न्यूनतम निवेश 10 लाख रुपये है, जो इसे अमीर निवेशकों के लिए उपयुक्त है.
  • निवेशकों की श्रेणी: यह उन निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है, जो हाई रिस्क सहने की क्षमता रखते हैं और बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं.

क्या दूसरे निवेश विकल्पों से एसआईएफ बेहतर है?

  • एसआईएफ: एसआईएफ (स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड) में न्यूनतम 10 लाख रुपये से निवेश किया जा सकता है. इसमें लचीलापन और जोखिम स्तर दोनों उच्च हैं और यह उच्च नेटवर्थ वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है.
  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड में मात्र 5,000 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है. इसमें मध्यम लचीलापन और मध्यम जोखिम होता है. इसलिए यह सामान्य निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त है.
  • पीएमएस: पीएमएस (पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस) में न्यूनतम 50 लाख रुपये का निवेश आवश्यक है. इसका लचीलापन और जोखिम स्तर उच्च है और यह उच्च नेटवर्थ वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है.
  • एआईएफ: एआईएफ (अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड) में निवेश के लिए न्यूनतम 1 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. इसमें उच्च लचीलापन और उच्च जोखिम होता है और यह मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है.

एसआईएफ में निवेश कैसे करें?

  • फंड हाउस का चयन: सेबी से अनुमोदित फंड हाउस का चयन करें, जो एसआईएफ प्रदान करते हैं.
  • निवेश प्रक्रिया: फंड हाउस की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें और आवश्यक दस्तावेज पेश करें.
  • निवेश की निगरानी: निवेश के बाद अपने पोर्टफोलियो की नियमित निगरानी करें और आवश्यकतानुसार एडजस्ट करें.

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निवेशकों को बंपर रिटर्न दिलाता है एसआईएफ

सेबी द्वारा पेश किया गया एसआईएफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो निवेशकों को अधिक लचीले और विविध निवेश विकल्प प्रदान करता है. यह हाई रिस्क सहने की क्षमता रखने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं. हालांकि, एसआईएफ में निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपनी जोखिम सहने की क्षमता और निवेश लक्ष्यों का मूल्यांकन करना चाहिए.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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