Mukesh Ambani Mango: मुकेश अंबानी का नाम सामने आते ही लोगों के जेहन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन का अक्स उभरकर सामने आ जाता है. लेकिन, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि मुकेश अंबानी केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ही नहीं हैं, बल्कि भारत में आम के सबसे बड़े कारोबारी और निर्यातक भी हैं. खास बात यह है कि वे इस कारोबार को बिना ढिंढोरा पीटे चुपके-चुपके कर रहे हैं.
जामनगर में 600 एकड़ का विशाल आम बाग
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात के जामनगर में मुकेश अंबानी के रिलायंस का आम का बगीचा है, जिसे “धीरूभाई अंबानी लखीबाग आमराई” के नाम से जाना जाता है. यह बगीचा करीब 600 एकड़ में फैला है. इस बगीचे में 1.5 लाख से ज्यादा आम के पेड़ हैं और यहां देश-विदेश की 200 से अधिक किस्मों के आम की खेती की जाती है. इस बाग की खासियत इसकी उच्च गुणवत्ता वाली वैरायटीज है, जिनकी भारी मांग अमेरिका और यूरोपीय देशों में है. इसे ही रिलायंस ऑर्चर्ड भी कहा जाता है.
अमेरिका में मुकेश अंबानी के आमों की जबरदस्त डिमांड
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑर्चर्ड से हर साल हजारों टन प्रीमियम क्वालिटी के आम जैसे ‘हापुस’ (अल्फांसो) और ‘केसर’ अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों को निर्यात किए जाते हैं. इन किस्मों की विशेषता उनका लाजवाब स्वाद, अनोखी खुशबू और टिकाऊ गुणवत्ता है, जो इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाते हैं.
आमों की हाई-टेक खेती
धीरूभाई अंबानी लखीबाग सिर्फ एक परंपरागत आम का बगीचा नहीं है, बल्कि यह आधुनिक तकनीकों पर आधारित एक अत्याधुनिक कृषि प्रयोगशाला है. यहां ड्रिप इरिगेशन, सॉयल हेल्थ मॉनिटरिंग और ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है. इससे न सिर्फ उपज बेहतर होती है, बल्कि हर फल की गुणवत्ता भी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक रहती है.
मुकेश अंबानी ने 1998 में शुरू की आमों की खेती
मुकेश अंबानी ने इस आम की खेती की शुरुआत 1998 में पर्यावरणीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की थी. जामनगर की रिफाइनरी से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से रिलायंस ने बंजर और खारे पानी वाली जमीन को उपजाऊ बनाने की दिशा में कदम उठाया. तब से यह ऑर्चर्ड पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने का बेहतरीन उदाहरण बन चुका है.
नीता अंबानी करती हैं बगीचे देखरेख
इस ऑर्चर्ड की जिम्मेदारी नीता अंबानी खुद संभालती हैं. रिलायंस इस बगीचे के जरिए न केवल व्यापार कर रहा है, बल्कि आसपास के किसानों को भी आधुनिक खेती की ट्रेनिंग देता है. हर साल लगभग 1 लाख पौधे किसानों को मुफ्त बांटे जाते हैं, जिससे स्थानीय कृषि समुदाय भी सशक्त हो रहा है.
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अंबानी, आम और अमेरिका का बिजनेस कनेक्शन
अमेरिका में भारतीय आमों की मांग तेजी से बढ़ रही है और रिलायंस इस मांग को पूरी निपुणता से पूरा कर रहा है. यही कारण है कि अब ‘आम, अंबानी और अमेरिका’ एक मजबूत और अनोखा बिजनेस ट्रायंगल बन चुके हैं.
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