नयी दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों और देश भर के करदाताओं, कर सलाहकारों और अन्य हितधारकों के अनुरोधों को देखते हुए सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कई कामों की डेडलाइन बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार ने 31 मार्च, 2021 को खत्म हुए असेसमेंट ईयर 2020-21 की डेडलाइन को बढ़ा कर 31 मई, 2021 कर दिया है.
वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए आयकर की धारा 1961 के सेक्शन के सब सेक्शन 4 और 5 के तहत देरी से रिटर्न और रिवाइज्ड रिटर्न भरने की अंतिम तारीख दो माह बढ़ाते हुए 31 मई, 21 कर दिया है. मालूम हो कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए असेसमेंट ईयर 2020-21 किया गया था. इसके बाद लेट फाइन के साथ 31 मार्च किया गया था.
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कई नियमों में ढील दी है. आयकार विभाग के मुताबिक, कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आयकर दाताओं की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने अनुपालन की समयावधि बढ़ा दी है.
कमिश्नर से अपील की डेडलाइन 31 मई तक बढ़ा दी गयी है. वहीं, डिस्प्युट रिजॉल्यूशन पैनल के तहत फाइलिंग की डेडलाइन की अंतिम तिथि भी 31 मई कर दी गयी है. मालूम हो कि यह डेडलाइन पहले एक अप्रैल, 2021 थी. नोटिस मिलने के बाद रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को भी एक अप्रैल, 2021 से बढ़ा कर 31 मई, 2021 तक बढ़ा दी गयी है.
इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देर से रिटर्न भरने वाले आयकर दाताओं को राहत देते हुए 31 मार्च, 2021 को खत्म हो रही डेडलाइन को बढ़ा कर 31 मई, 2021 कर दिया है. वहीं, कटे टैक्स का पेमेंट और टैक्स कटौती पर चालान की फाइलिंग की डेडलाइन भी 31 मई, 21 कर दी गयी है. फॉर्म नंबर 60 और फॉर्म नंबर 61 के तहत डिक्लेयरेशन की अंतिम तिथि भी बढ़ा कर 31 मई, 21 कर दी गयी है.