Vodafone Idea: कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (VIL) के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलकर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 22.6% से बढ़ाकर 48.99% करने के लिए तैयार हो गई है. यह निर्णय वीआईएल को नकदी प्रवाह में राहत देने और बैंक कर्ज जुटाने में मदद करेगा.
ऐसे बदलेगी VIL की वित्तीय स्थिति
ब्रोकरेज फर्म Citi के अनुसार, सरकार का यह समर्थन समय पर उठाया गया बड़ा कदम है. इससे वोडाफोन आइडिया को अगले तीन वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये की नकदी प्रवाह राहत मिलेगी. स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने से कंपनी का कुल शुद्ध कर्ज 18% तक घट जाएगा. अगले तीन वर्षों में कंपनी के स्पेक्ट्रम बकाया की देय राशि 11,000 करोड़, 25,000 करोड़ और 25,000 करोड़ से घटकर 500 करोड़, 5,000 करोड़ और 15,000 करोड़ हो सकती है. सरकार का यह कदम इंडस टावर्स जैसी कंपनियों के लिए भी फायदेमंद होगा.
कंपनी की भविष्य की रणनीति
वोडाफोन आइडिया को अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और अन्य नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है. सेबी से मंजूरी मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर 10 रुपये के मूल्य पर जारी किए जाएंगे. हालांकि, प्रवर्तकों के पास कंपनी का परिचालन नियंत्रण बरकरार रहेगा.
5G लॉन्च और बैंक लोन पर प्रभाव
- वित्तीय राहत के बाद वीआईएल को बैंकों से लंबित कर्ज जुटाने में आसानी होगी.
- चुनिंदा शहरों में 5G सेवाओं की शुरुआत करने से कंपनी की स्थिति मजबूत होगी और बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा.
- 2021 के बाद लिए गए स्पेक्ट्रम के लिए 2,200 करोड़ रुपये वार्षिक भुगतान और 16,500 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान देय रहेगा.
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Vodafone Idea के शेयरधारकों को राहत
सरकार के इस फैसले से वोडाफोन आइडिया के शेयरधारकों को राहत मिल सकती है. हालांकि, कंपनी को अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ाने और 5G नेटवर्क को विस्तार देने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
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