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Gold demand in India : सोने की मांग में 36 फीसदी की गिरावट दर्ज, उतार-चढ़ाव में निवेश का मौका

देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के पहले से ही भारत में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से इस कीमती धातु में फिलहाल निवेश का बेहतर मौका है.

मुंबई : देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के पहले से ही भारत में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. इस पर तुर्रा यह कि कोरोना वायरस की वजह से छायी आर्थिक अनिश्चिता के चलते जनवरी-मार्च तिमाही में देश की सोने की मांग 36 फीसदी घट गयी. तिमाही के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किये जाने के बीच यह 101.9 टन रह गयी. हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से इस कीमती धातु में फिलहाल निवेश का बेहतर मौका है.

ज्वेलरी निर्माता और निवेशकों की मांग में आयी कमी : विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आभूषण निर्माण और निवेश दोनों ही परिस्थितियों में स्वर्ण मांग घटी है. जब तक आभूषण उद्योग के कारीगर काम पर नहीं लौट आते और सप्लाई चेन को जल्द से जल्द शुरू नहीं कर लिया जाता, तब तक आगे के हालात भी ‘चुनौतीपूर्ण’ रहने की आशंका है. समीक्षावधि में देश की स्वर्ण मांग 37,580 करोड़ रुपये की रही. यह 2019 की इसी तिमाही में 47,000 करोड़ रुपये की स्वर्ण मांग से 20 फीसदी कम है.

सोने की कीमत में दर्ज की गयी बढ़त : परिषद के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने समाचार एजेंसी भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा कि समीक्षावधि में घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला. सीमाशुल्क और कर की गणना किये बगैर सोने का मूल्य करीब 25 फीसदी बढ़कर 36,875 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. पिछले साल इसी अवधि में यह कीमत 29,555 रुपये थी.

ज्वेलरी की मांग में41 फीसदी गिरावट दर्ज : उन्होंने कहा कि इस अवधि में भारत की स्वर्ण मांग घटने के कई कारण रहे. कीमतों के ऊंचे और अस्थिर रहने के साथ-साथ बंद की वजह से आवाजाही पर पाबंदी, मालवहन में परेशानी और आर्थिक अनिश्चिता की वजह से यह मांग गिरी है. इस बीच, आभूषण की कुल मांग 41 फीसदी गिरकर 73.9 टन रही, जो पिछले साल इस दौरान 125.4 टन थी. रुपये में यह मांग 27 फीसदी घटकर 27,230 करोड़ रुपये रही. पिछले साल इसी अवधि में यह 37,070 करोड़ रुपये थी. वहीं निवेश के लिए की जाने वाली स्वर्ण मांग इस दौरान 17 फीसदी घटकर 28.1 टन रही. हालांकि, रुपये में यह मूल्य सालाना आधार पर चार फीसदी बढ़कर 10,350 करोड़ रुपये रहा.

निवेश के लिए सोना सबसे सुरक्षित : कोरोना वायरस संकट के बीच वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है. कच्चे तेल की कीमतें ऐतिहासिक तौर पर निचले स्तर पर बनी हुई हैं. ऐसे में, निवेशक स्वर्ण को सुरक्षित निवेश के तौर पर देख रहे हैं. सालाना आधार पर जनवरी-मार्च में सोने की वैश्विक मांग एक फीसदी बढ़कर 1,083.8 टन रही है. पिछले साल सोने की वैश्विक मांग 1,070.8 टन थी.

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