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NIPFP के चेयरमैन बनाए गए आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि पटेल 22 जून से यह पद संभालेंगे. वह विजय केलकर का स्थान लेंगे. केलकर ने एक नवंबर 2014 को संस्थान के चेयरमैन का पद संभाला था. एनआईपीएफपी ने बयान में कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल 22 जून 2020 से 4 साल के लिए संस्थान के चेयरपर्सन के रूप में हमसे जुड़ जाएंगे.

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि पटेल 22 जून से यह पद संभालेंगे. वह विजय केलकर का स्थान लेंगे. केलकर ने एक नवंबर 2014 को संस्थान के चेयरमैन का पद संभाला था. एनआईपीएफपी ने बयान में कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल 22 जून 2020 से 4 साल के लिए संस्थान के चेयरपर्सन के रूप में हमसे जुड़ जाएंगे.

पटेल ने 10 दिसंबर, 2018 को अचानक केंद्रीय बैंक के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय बैंक के बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक से पहले दिया था. इस बैठक में सरकार के साथ मतभेदों को दूर करने पर बातचीत होनी थी. पटेल का तीन साल का कार्यकाल सितंबर 2019 में पूरा होना था. वह दूसरे कार्यकाल के लिए भी पात्र थे.

28 अक्टूबर 1963 को जन्मे आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ उर्जित पटेल सितंबर 2016 में रघुराम राजन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्रीय बैंक के प्रमुख का पद ग्रहण किया था. सरकार से तनातनी की खबरों के बीच उन्हीने 10 दिसंबर 2018 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पटेल रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में काम कर चुके हैं.

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रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान रिजर्व बैंक उन्होंने मौद्रिक नीति संबंधी विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता की. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने ब्रिक्स देशों के साथ अंतर-सरकारी समझौते और अंतर-केंद्रीय बैंक करार (आईसीबीए) में मुख्य भूमिका निभायी. पटेल की देखरेख में ही आकस्मिक आरक्षित निधि व्यवस्था (सीआरए) की स्थापना की शुरुआत की गयी, जो इन देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच स्वैप लाइन ढांचा के रूप में काम करता है.

गौरतलब है कि शुरुआत में पटेल को मिंट स्ट्रीट पर सरकार का आदमी माना जाता था, लेकिन दो साल से भी कम समय में उन्होंने अपनी इस छवि को तोड़ दिया और केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर अपनी आवाज उठाने लगे. पटेल नैरोबी के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और येल विश्वविद्यालय के लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई की है. वर्ष 2013 तक वह केन्या के नागरिक थे. उन्हें जनवरी 2013 में रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर बनाया गया. उससे पहले उन्होंने भारतीय नागरिकता ले ली थी.

Psted By : Vishwat Sen

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