Ethanol Controversy: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल विवाद पर जवाब देते हुए कार्यक्रम में कहा- “मेरा दिमाग हर महीने 200 करोड़ का है. मुझे ईमानदारी से कमाना आता है.” उन्होंने आगे कहा- आपको लगता है कि मैं ये काम पैसे कमाने के लिए कर रहा हूं? मेरे विचार किसानों के हित के लिए हैं, जेब भरने के लिए नहीं हैं.” उन्होंन आगे कहा, “हाल ही में, मेरे बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेब आयात किए और 1,000 कंटेनर केले निर्यात किए. ईरान के साथ कोई आर्थिक लेन-देन नहीं है.” केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जालसाजी की सभी अफवाहों का खंडन किया.
एथेनॉल पर विवाद मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाना था: गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इससे पहले एथेनॉल पर विवाद पर कहा था, “ई-20 को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान पैसे देकर चलाया गया था. यह अभियान एथेनॉल के खिलाफ था और मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए चलाया गया था.” गडकरी ने पेट्रोल में ई-20 की मिलावट करने से जुड़ी चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, “सभी पक्षों ने इस बारे में अपना-अपना पक्ष रखा है. इनमें भारतीय वाहन अनुसंधान संघ (एआरएआई) और सियाम भी शामिल हैं.” उन्होंने कहा कि इस बारे में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी पूरी तरह साफ है. उन्होंने कहा, “मैं बस यही कहूंगा कि जो भी था, उसमें कोई सच्चाई नहीं थी. सब कुछ स्पष्ट किया जा चुका है.”
सोशल मीडिया में क्या था एथेनॉल को लेकर विवाद
पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल (ई-20) के मिश्रण वाले ईंधन से वाहनों के प्रदर्शन में गिरावट आने और कलपुर्जों के जल्द खराब होने की चर्चाएं सोशल मीडिया पर काफी तेज रहीं. इस दौरान ई-20 पेट्रोल से वाहनों के माइलेज में गिरावट और इंजन पर असर पड़ने की आशंका जताई गई. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हाल ही में गडकरी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था. उसका कहना था कि परिवहन मंत्री एथेनॉल उत्पादन के पक्ष में बोलते रहे हैं जबकि उनके दो बेटे एथेनॉल उत्पादन से जुड़ी कंपनियों का हिस्सा हैं और उन्हें इस सरकारी नीति से फायदा हुआ है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस पूरे मामले की लोकपाल के माध्यम से जांच कराने की चुनौती भी दी थी.
सरकार ने मक्का से एथेनॉल बनाने का किया है निर्णय
सरकार ने मक्का से एथेनॉल बनाने का निर्णय लिया है जिससे किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. इस वर्ष उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इसका रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. गडकरी ने कहा, “हमारी कृषि वृद्धि दर बहुत कम है, इसलिए ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि का यह विविधीकरण किसानों के लाभ के लिए सही है.”
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