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महंगाई को काबू में रहने से ‘बम-बम’ करेगा ग्रामीण भारत

RBI Report: महंगाई को निर्धारित स्तर की ओर से बढ़ते रहने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की मांग में तेजी आएगी. इसके अलावा, बाहरी क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार से घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभावों से दूर रखने में मदद मिलेगी.

RBI Reort: महंगाई अगर काबू में रहता है, तो ग्रामीण भारत ‘बम-बम’ करता रहेगा. इसका अर्थ यह कि महंगाई के काबू में रहने से ग्रामीण भारत में रोजमर्रा के सामानों की मांग में बढ़ेगी और लोगों में खुशहाल होंगे. यह बात भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट में कही गई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाहरी क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार से घरेलू आर्थिक गतिविधियां वैश्विक प्रभावों से दूर रहेंगे.

निवेश मांग के दम पर जीडीपी मजबूत

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत निवेश मांग के दम पर भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि मजबूत बनी हुई है. इसे बैंकों तथा कॉरपोरेट जगत की स्वस्थ बैलेंस शीट, पूंजीगत व्यय पर सरकार के ध्यान देने और विवेकपूर्ण मौद्रिक, नियामक तथा राजकोषीय नीतियों से समर्थन मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों से जूझ रही है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था, व्यापक आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता के परिदृश्य में अगले दशक में वृद्धि की गति को तेज करने की अच्छी स्थिति में है.

महंगाई बढ़ने का खतरा बरकरार

रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई को निर्धारित स्तर की ओर से बढ़ते रहने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की मांग में तेजी आएगी. इसके अलावा, बाहरी क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार से घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभावों से दूर रखने में मदद मिलेगी. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भू-राजनीतिक तनाव, भू-आर्थिक विखंडन, वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय जिंस कीमतों में उतार-चढ़ाव और अनिश्चित मौसम संबंधी घटनाक्रम वृद्धि के कम होने और महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है.

एमएसपी से किसानों को मिला लाभ

आरबीआई ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एआई और एमएल (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग) तकनीकों को तेजी से अपनाने के साथ-साथ बार-बार आने वाले जलवायु झटकों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करना होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के खरीफ और रबी दोनों मौसम में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ने सभी फसलों के लिए उत्पादन लागत पर किसानों को न्यूनतम 50 फीसदी लाभ सुनिश्चित किया. 31 मार्च 2024 तक खाद्यान्नों का समग्र सार्वजनिक भंडारण कुल तिमाही भंडारण मानक का 2.9 गुना था.

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अल नीनो ने खेला किया खराब

सरकार ने 29 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत खाद्यान्न के मुफ्त वितरण की योजना को एक जनवरी 2024 से पांच और बरसों के लिए बढ़ा दिया था. रिपोर्ट में कहा कि असमान तथा कम दक्षिण-पश्चिम मानसून (एसडब्ल्यूएम) वर्षा के साथ ही अल नीनो की स्थिति के मजबूत होने से कृषि और संबद्ध गतिविधियों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. समग्र एसडब्ल्यूएम वर्षा 2023 (जून-सितंबर) में अखिल भारतीय स्तर पर दीर्घावधि औसत (एलपीए) से छह फीसदी कम हुई. दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2023-24 में खरीफ और रबी खाद्यान्न का उत्पादन पिछले वर्ष के अंतिम अनुमानों से 1.3 प्रतिशत कम था.

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