Success Story: कहते हैं कि अगर आईडिया दमदार हो, तो दुनिया की हंसी भी एक दिन तालियों में बदल जाती है. ऐसी हीं एक कहानी दिल्ली के दो दोस्तों की भी है. जिन्होंने मिल कर एक छोटे से स्टार्टअप की शुरुआत की थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यही कंपनी भारतीय ई-कॉमर्स की तस्वीर बदल देने वाली है. आज मीशो न सिर्फ करोड़ों लोगों का भरोसा है, बल्कि 40,000 करोड़ की वैल्यूएशन तक पहुंचकर बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनौती दे रहा है. पहले लोग मजाक उड़ाते थे, आज वही लोग तारीफों के पुल बांध रहे हैं. यह कहानी है मीशो की, जिसने सिर्फ 10 सालों में उन ऊंचाइयों को छू लिया, जहां पहुंचने का सपना भी बड़े-बड़े कारोबारियों के लिए आसान नहीं है. अब जब कंपनी शेयर बाजार में दस्तक देने वाली है, तो हर किसी की नजरें अब इसकी अगली कदम पर टिकी हुई हैं.
गृहिणियों को उद्यमी किसने बनाया?
2015 में IIT दिल्ली के दो दोस्त विदित आत्रे और संजीव बर्नवाल ने मिलकर यह प्लेटफॉर्म बनाया जहां बिना दुकान, बिना स्टॉक और बिना टेक्निकल ज्ञान के भी कोई अपना बिजनेस शुरू कर सकता है. उनका आइडिया यह था की ‘मोबाइल हो तो बिजनेस हो’. यही सोच मीशो को बाकी कंपनियों से अलग बनाती है. जहां Amazon और Flipkart बड़े ब्रांड्स से भरे पड़े हैं, वहीं मीशो ने छोटे सेलर्स और घरेलू महिलाओं को अपनी पहचान बनाने का मौका दिया है.
ग्राहकों को सस्ते दाम कैसे मिलते हैं?
दोनो दोस्तों ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है जहां विक्रेता बिना किसी कमीशन के अपने उत्पाद बेच सकते हैं. इससे ग्राहकों को सस्ते दाम में प्रोडक्टस भी मिलते हैं और विक्रेताओं को ज्यादा कमाई का मौका भी मिलता हैं. सिर्फ व्हाट्सऐप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर प्रोडक्ट शेयर करके भी बिक्री की जा सकती है. इसी वजह से खासकर महिलाएं और गृहिणियां बड़ी संख्या में इस प्लेटफॉर्म से जुड़ीं और घर बैठे हुए उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की. आज मीशो पर 11 लाख से अधिक विक्रेता हैं और 700 से ज्यादा कैटेगरी में प्रोडक्ट उपलब्ध होते हैं. कंपनी हर महीने 10 करोड़ से अधिक ऑर्डर पूरे कर रही है, जो इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण है.
यूनिकॉर्न बनने की राह कैसी रही?
शुरुआत के दिनों में विदित ने अपनी नौकरी छोड़ी और असफलताओं का सामना भी किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनकी मेहनत ने मीशो को इतनी ऊंचाई दी कि 2019 में फेसबुक ने कंपनी में 200 करोड़ रुपये निवेश भी किए थे. 2021 में मीशो यूनिकॉर्न बन गया और आज कंपनी की वैल्यूएशन करीब 40,000 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है. विदित आत्रे और संजीव बर्नवाल दोनों की संपत्ति अब अरबों रुपये में है. उनकी कहानी बताती है कि बड़े सपनों के लिए बड़ा बैकग्राउंड नहीं, बल्कि बड़ा हौसला चाहिए होता है.
क्या Meesho अब और तेजी से आगे बढ़ेगा?
मीशो अब 3 दिसम्बर को शेयर बाजार में उतरकर अपनी सफलता को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में है. अगर यह कदम सफल रहा, तो लाखों छोटे व्यवसायियों के लिए और भी नए मौके पैदा होगें और भारत के डिजिटल मार्केट में मीशो की पकड़ और मजबूत होगी.
Also Read: ऑनलाइन शॉपिंग की पहली पसंद Meesho, क्या बन पाएगा निवेशकों की पसंद?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

