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क्या देश के सबसे अमीरों को देना होगा 40 प्रतिशत टैक्स साथ में कोरोना सेस?

coronavirus india update भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भेजकर बताया है कि देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को कैसे पुनर्जीवित किया जा सकता है. देश में कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री को यह सुझाव भेजा गया है. इसमें अमीर लोगों से कोविड टैक्स के नाम पर 40 फीसद तक टैक्स लेने का सुझाव दिया गया है.

कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई हुई है. कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए फंड का इंतजाम कैसे किया जाए, इस लेकर अधिकारियों ने एक नया सुझाव दिया है. इसके मुताबिक, कुछ इनकम टैक्स ऑफिसर्स ने सलाह दी है कि आयकर विभाग देश के सबसे अमीर लोगों से अधिक टैक्स वसूल करे. साथ ही 10 लाख से अधिक आमदनी वालों पर कोविड रिलीफ सेस लगाने का सुझाव दिया गया है.

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सलाह के मुताबिक, एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपए से अधिक आमदनी वालों से 30 फीसदी की बजाय 40 फीसदी टैक्स वसूल किया जाए. साथ ही वैकल्पिक रूप से 5 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति वालों पर वेल्थ टैक्स लगाने का भी सुझाव दिया गया है. वहीं, विदेशी कंपनियों पर भी ऊंची दर से टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है. इसमें कहा गया कि टैक्स राहत सिर्फ ईमानदार और अनुपालन करने वाले करदाताओं को ही दिया जाना चाहिए. खास कर ऐसे करदाताओं को जो समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं. हालांकि इस सुझाव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है.

वित्त मंत्रालय ने लगाई क्लास

वित्त मंत्रालय ने आईआरएस एसोसिएशन की इस सुझाव को अपरिपक्व बताया है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यह कुछ अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया है. सीबीडीटी से लिखित सफाई मांगने को कहा गया है. ये भी साफ किया गया है कि न तो ऐसी रिपोर्ट तैयार करने को अधिकारियों को कहा गया था न ही ये उनके अधिकार क्षेत्र में आता है. बता दें कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) संघ ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी को सौंपे गए ‘कोविड-19 महामारी के वित्तीय विकल्प और प्रतिक्रिया (फोर्स)’ शीर्षक से तैयार दस्तावेज में ये सुझाव दिए थे.

इस सर्कुलर पर 23 अप्रैल की तारीख है. सर्कुलर में केंद्र सरकार को कोरोना संकट से निपटने के लिए लागत जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन जुटाने को लघु अवधि के कुछ सुझाव दिए गए थे. इस रिपोर्ट को 50 आईआरएस अधिकारियों ने बनाया था. हालांकि वित मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया है.

सीबीडीटी करेगी जांच

केंद्र सरकार को ये सुझाव रास नहीं आया. रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टेमेंट के उन 50 आईआरएस अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है, जिन्होंने कोरोना से जुड़े राहत उपायों के लिए राजस्व जुटाने की एक अवांछित रिपोर्ट तैयार की है. साथ ही इस रिपोर्ट को बिना अनुमति के सार्वजनिक भी कर दिया.बोर्ड ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए कुछ आईआरएस अधिकारियों के सुझावों के बारे में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट प्रसारित हो रही है.

ये स्पष्ट किया जाता है कि सीबीडीटी ने आईआरएस एसोसिएशन या इन अधिकारियों से इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी नहीं कहा. इन अधिकारियों की ओर से उनके व्यक्तिगत विचारों और सुझावों को सार्वजनिक करने से पहले कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी, जो कि मौजूदा आचरण नियमों का उल्लंघन है.

https://twitter.com/IRSAssociation/status/1254380493753036800

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