Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा कल केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी केंद्रीय बजट पेश किया जाना है. अगले तीन में महीने में लोकसभा का चुनाव भी होने वाले हैं. ऐसे में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने के लिए पूरी तैयारी कर रही है. ऐसे में समझा जा रहा है कि सरकार के पास वोटरों को अपने पाले में करने के लिए अंतरिम बजट एक बेहतरीन हथियार है. सरकार किसानों के साथ, युवा तबके के लिए लोकलुभावन एलान कर सकती है. साथ ही, बजट में सरकार की नजर 1.18 करोड़ कर्मचारियों और पेशनभोगियों पर भी है. ऐसे में एक संभावना मानी जा रही है कि सरकार डिफेंस फोर्सेज और सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन कर सकती है. हालांकि, सरकार को ऐसा करने से पहले वित्त बोझ का भी आकलन करना होगा.
हर दस साल पर होता है वेतन आयोग का गठन
केंद्र सरकार के नियम के अनुसार, हर दस वर्षों में वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है. आयोग को गठन के 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें जमा करनी होती है. रिपोर्ट में वेतन आयोग, केंद्रीय कर्मचारियों, ऑल इंडिया सर्विसेज, केंद्र शाषित प्रदेश, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन पर सिफारिशें रखी जाती हैं. इससे पहले 28 फरवरी 2014 को जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में 7वें वेतन आयोग का गठन किया गया था. इसके बाद, आयोजन ने 2015 नवंबर को अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थी. केंद्र सरकार के द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से लागू कर दिया गया था. हालांकि, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर तत्कालीन चीफ ऑफ स्टॉफ ऑफ आर्म्ड फोर्सेज ने आपत्ति जतायी थी.
क्यों आठवें वेतन आयोग की उठ रही बात
आठवें वेतन आयोग से केंद्र सरकार के ऊपर कर्मचारियों और पेंशनर्स का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. फिर भी, समझा जा रहा है कि इस दिशा में सरकार कदम उठा सकती है. आयोग के गठन के बारे में दो कारणों से कयास लगाए जा रहे हैं. एक तो वेतन आयोग के घठन का वक्त हो गया है. दूसरी बात ये है कि सरकार एक बड़े वर्ग की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहेगी. बजट सत्र के बाद सरकार आयोग के अध्यक्ष और समिति के सदस्यों की घोषणा कर सकती है. हालांकि, इससे पहले कई बार संसद में पूछे सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने साफ कहा है कि उसका आठवें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है. अगर सरकार आठवें वेतन आयोग का गठन करती है तो इससे सबसे ज्यादा फायदा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर तक को हो सकता है, क्योंकि इससे एक बड़े वर्ग की पर्चेजिंग पॉवर बढ़ेगी.