Black Buck: बेंगलुरु की सड़को की हालत और आउटर रिंग रोड (ORR) पर लगातार रहने वाले ट्रैफिक जाम ने एक बड़ी कंपनी को आफिस शिफ्ट करने पर मजबूर कर दिया है. ट्रक आपरेटरों के लिए भारत के सबसे बड़े डिजिटल प्लेटफार्म ब्लैकबक (BlackBuck) ने बेलंदूर स्थित अपने आफिस से बाहर जाने का एलान किया है.
क्यो लिया आफिस शिफ्ट करने का फैसला
ब्लैकबक के को फाउंडर और सीईओ राजेश कुमार याबाजी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए बताया कि बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ORR) पर स्थित उनके आफिस में काम करना अब मुश्किल हो गया है. खराब सड़को और भारी ट्रैफिक की वजह से कर्मचारियों को दिक्कते झेलनी पड़ रही है, इसी कारण कंपनी ने आफिस शिफ्ट करने का निर्णय लिया.
ORR (Bellandur) has been our “office + home” for the last 9 years. But it’s now very-very hard to continue here. 💔
— Rajesh Yabaji (@YABAJI) September 16, 2025
We have decided to move out.
Background:
– Average commute for my colleagues shot up to 1.5+ hrs (one way)
– Roads full of potholes & dust, coupled with lowest…
कितनी बड़ी है कंपनी
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में ब्लैकबक की वैल्यूएशन ₹10,900 करोड (1.3 बिलियन डॉलर) से भी ज्यादा थी. साल 2015 में बनी यह कंपनी आधिकारिक रूप से जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस लिमिटेड (Zinka Logistics Solutions Limited) के नाम से रजिस्टर्ड है और आज ट्रकिंग बिजनेस में डिजिटल क्रांति लाने वालों में से एक मानी जाती है.
ब्लैकबक करती क्या है
ब्लैकबक भारत में ट्रक आपरेटरों के लिए डिजिटल प्लेटफार्म है, जो उनके रोजाना के काम को आसान बनाता है. यह मोबाइल एप के जरिए ट्रक ड्राइवरों और आपरेटरों को कई सुविधाए देता है जैसे
- लोड मार्केटप्लेस: जहां ट्रक आपरेटरों को माल ढुलाई के लिए काम मिलता है.
- पेमेंट और ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट: ट्रक ड्राइवर टोल और फ्यूल पेमेंट को डिजिटल तरीके से कर सकते है.
- टेलीमैटिक्स और ट्रैकिंग: आपरेटर अपने ट्रक और ड्राइवर की लोकेशन, ईंधन उपयोग और प्रदर्शन पर नजर रख सकते है.
- फाइनेंसिंग: ट्रक खरीदने या मेंटेनेंस के लिए फाइनेंस विकल्प उपलब्ध कराता है.
कैसे बदलता है ट्रकिंग बिजनेस
ब्लैकबक का प्लेटफार्म ट्रक आपरेटरों को खाली ट्रकों में लोड ढूंढने, खर्चो को नियंत्रित करने, और लोड प्राइसिंग तय करने में मदद करता है. इससे न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि चोरी और धोखाधड़ी का खतरा भी काफी कम हो जाता है.
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