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‘भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी नौ प्रतिशत की गिरावट’, एडीबी का अनुमान

Asian Development Bank: एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में नौ फीसदी की गिरावट आ सकती है. मंगलवार को एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) 2020 अपडेट को जारी करते हुए एडीबी ने भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नौ प्रतिशत की गिरावट आएगी.

Asian Development Bank: एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में नौ फीसदी की गिरावट आ सकती है. मंगलवार को एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) 2020 अपडेट को जारी करते हुए एडीबी ने भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नौ प्रतिशत की गिरावट आएगी.

हालांकि, एडीबी का अनुमान यह भी है कि हालात अगले वर्ष बेहतर हो सकत हैं. एडीबी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछालआयेगा. लॉकडाउन खत्म होने के बाद कारोबारी गतिविधिया बढ़ेंगी. धीरे-धीरे सभी चीजें पटरी पर आ जायेंगी. इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और अगले वित्त वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर आठ फीसदी रहने का अनुमान एडीबी ने लगाया है.

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, की भारत ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया था. इसके कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं. पर उन्होंने कहा कि चीजें अगले वर्ष ठीक हो जायेगी. अगले वित्त वर्ष और उससे आगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महामारी पर नियत्रंण के सटीक और मजबूत उपाय अपनाने होंगे.साथ ही कोरोना की जांच और इलाज की क्षमता का विस्तार देश में करना होग. इन उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत है, तभी अर्थव्यवस्था आगे उबर पाएगी.

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इससे पहले जून में एडीबी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत की गिरावट अनुमान लगाया था. एडीबी ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था का वृद्धि परिदृश्य कमजोर है. अब वैश्विक स्तर पर भारत में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं. एडीबी के अनुसार, सार्वजनिक और निजी कर्ज में बढ़ोतरी से भी भारतीय अर्थव्यवस्था के नीचे की ओर जाने का जोखिम है. इससे प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा निवेश प्रभावित हो सकता है.

साथ ही इससे बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ सकती हैं, जिससे वित्तीय क्षेत्र और कमजोर होगा और उसकी आर्थिक वृद्धि को समर्थन की क्षमता प्रभावित होगी. इससे पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. पहले एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. पिछले सप्ताह दो अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसियों मूडीज और फिच ने भी भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया था. मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत तथा फिच ने 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.

हालांकि, गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी. घरेलू रेटिंग एजेंसियों की बात की जाए, तो इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. क्रिसिल ने 9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. एडीबी ने कहा कि सरकार ने महामारी से उबरने के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी और अन्य सामाजिक सुरक्षा उपाय शुरू किए हैं.

हालांकि, इससे ग्रामीण इलाकों के कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा होगा, लेकिन इसके बावजूद निजी उपभोग बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी. एडीबी का अनुमान है कि विकासशील एशिया में 2020 में जीडीपी में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी. यह 1962 के बाद विकासशील एशिया में पहली गिरावट होगी. वहीं इस रुख के उलट चीन इस साल 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा. 2021 में चीन की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. विकासशील एशिया में जापान जैसे विकसित देश नहीं आते हैं.

Posted By: Pawan Singh

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