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टैरिफ पर नरम पड़े ट्रंप-जिनपिंग, शुल्क पर लगाएंगे 90 दिन की रोक

Tariff War: अमेरिका और चीन ने व्यापार विवाद को सुलझाने के लिए भारी शुल्क पर 90 दिन की रोक लगाने का निर्णय लिया है. दोनों देशों ने शुल्क दरों में कटौती पर सहमति जताई है, जिससे व्यापार में सुधार की संभावना है. इस निर्णय का वैश्विक शेयर बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता जारी रखने का निर्णय लिया गया.

Tariff War: दुनिया भर में टैरिफ वॉर छेड़ने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति अब इस मसले पर कुछ नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. पहले उन्होंने भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाई. अब चीन पर लगाए गए भारी भरकम टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाने का ऐलान किया है. अमेरिकी अधिकारियों के हवाले मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, अमेरिका और चीन ने आपसी व्यापार विवाद को सुलझाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए एक-दूसरे पर लगाए गए भारी टैरिफ (शुल्क) में से अधिकतर पर 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा की है. यह फैसला दोनों देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद लिया गया है.

शुल्क दरों में भारी कटौती पर बनी सहमति

जेनेवा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर लगाई गई 145% टैरिफ दर को घटाकर 30% करने का निर्णय लिया है. वहीं, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125% से घटाकर 10% करने पर सहमति जताई है.

बातचीत की नई रूपरेखा तैयार

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि दो दिनों की मैराथन वार्ता के बाद दोनों देशों ने यह स्वीकार किया कि अधिक शुल्क से व्यापार लगभग ठप हो गया था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, “कोई भी पक्ष अलगाव नहीं चाहता है, बल्कि संतुलित और खुले व्यापार की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है.” इस वार्ता में इस दिशा में रूपरेखा तय की गई है कि आगे कैसे संवाद और व्यापारिक समझौते बढ़ाए जाएं.

व्यापार युद्ध से दोनों देशों को नुकसान

पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से शुल्क दर बढ़ाकर 145% किए जाने के बाद चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी उत्पादों पर 125% शुल्क लगा दिया था. इसका असर इतना गहरा हुआ कि दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार, जो पहले 660 अरब डॉलर से अधिक था, काफी हद तक प्रभावित हो गया.

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शेयर बाजारों में दिखा सकारात्मक असर

इस घोषणा का वैश्विक शेयर बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 3% तक उछला, जबकि जर्मनी और फ्रांस के शेयर बाजारों में भी 0.7% की तेजी देखी गई. यह संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार इस पहल को आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक अच्छा संकेत मान रहे हैं.

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