Air India Huge Loss: भारत सरकार की विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) को हर दिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था. यानी साल में 7,300 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को उठाना पड़ रहा था. अब इस 7,300 करोड़ रुपये को विकास कार्य में खर्च किया जायेगा. ये बातें नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में कहीं.
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि Air India के विनिवेश के बाद अब उस पैसे का सदुपयोग सामाजिक विकास के कार्यों के लिए किया जा सकेगा. सिंधिया लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि Air India की शुरुआत निजी क्षेत्र से हुई. फिर इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और कई वर्षों तक इसे सफलतापूर्वक चलाया गया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में Air India की जो स्थिति है, उसको लेकर यह समझना होगा कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई? श्री सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2005-06 में Air India सिर्फ 14 करोड़ रुपये के मुनाफे वाली कंपनी थी. उस वक्त Air India ने कुल 111 विमान खरीदने का समझौता किया.
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विपक्ष पर परोक्ष निशाना साधते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब सवाल उठता है कि इसका कारण क्या था? उन्होंने कहा कि तब 111 विमानों को 55,000 करोड़ रुपये का ऋण लेकर खरीदा जाता है. बाद में 15 विमान वर्ष 2013-14 में बेच दिये जाते हैं. इसके अलावा दो बिल्कुल अलग संस्कृति वाली Air India और इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) का विलय किया जाता है. इसके बाद से दोनों लाभ कमाने वाली कंपनी नुकसान में रहने लगीं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2007-08 से वर्ष 2020-21 तक Air India को हर साल 3,000 से 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था, जो कुल मिलाकर 85,000 करोड़ रुपये का रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह 14 साल में 85,000 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ एअर इंडिया भारी कर्ज मे डूब गयी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया कि इस घाटे को बंद करना होगा. विनिवेश करना होगा, ताकि देश के और उसकी जनता के पैसे को बचाया जाये. देश के नागरिकों को उज्ज्वला, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के जरिये फायदा पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि Air India को एक दिन में लगभग 20 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने Air India के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर पूछे गये सवाल का भी जवाब दिया. कहा कि हमारे शेयरधारक समझौते में विस्तार से उल्लेख है. पहली शर्त है कि एक साल तक किसी कर्मचारी को नहीं हटाया जायेगा. सिंधिया ने कहा कि अगर एक साल के बाद किसी कर्मचारी को हटाना भी है, तो केवल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत ही हटाया जा सकता है. ज्ञात हो कि टाटा समूह को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी Air India का स्वामित्व हासिल हो गया है.
Posted By: Mithilesh Jha