नयी दिल्ली : शेयर बाजारों में ‘छद्म सौदों’ के जरिये कर चोरी पर अंकुश लगाने को सरकार ने आज प्रस्ताव किया कि दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ कर से छूट तभी मिलेगी जबकि प्रतिभूति लेनदेन शुल्क (एसटीटी) शेयरों की खरीद पर लिया गया हो. इसके अलावा अन्य उचित मामलों मसलन सार्वजनिक पेशकश में यह छूट मिलेगी. यह उपाय एक अप्रैल, 2018 से लागू होगा.
इसे आम बजट 2017-18 में शामिल किया गया है. ऐसा संज्ञान में आया है कि मौजूदा दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ कर से छूट का दुरुपयोग बेहिसाबी आय की घोषणा के लिए किया जा रहा है. फिलहाल दीर्घावधि की पूंजीगत संपत्ति के स्थानांतरण से प्राप्त होने वाली आय, जो कि किसी कंपनी का इक्विटी शेयर है या इक्विटी आधारित कोष की इकाई है.
उस पर ऐसी स्थिति में कर की छूट होती है जबकि बिक्री लेनदेन एक अक्तूबर, 2014 या उसके बाद किया गया हो। और इस पर प्रतिभूति लेनदेन कर लगता हो. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रावधान का कुछ लोगों द्वारा अपनी बेहिसाबी आय की घोषणा के लिए छद्म सौदों के जरिये दुरुपयोग किया जा रहा है.
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