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8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर बढ़ाएगा वेतन की सेहत, सरकारी कर्मचारी कर लें कैलकुलेशन

8th Pay Commission की सिफारिशें सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर बड़ा असर डालेंगी. फिटमेंट फैक्टर वेतन वृद्धि का सबसे अहम आधार है, जो बेसिक पे को गुणा करके नया वेतन तय करता है. 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जबकि 8वें में इसके 1.83 से 3.00 तक रहने की संभावना है. इससे बेसिक पे और पेंशन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.

8th Pay Commission: देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार है. कर्मचारी संगठन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए सरकार को पत्र भी लिख रहे हैं. हालांकि, सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए जनवरी 2025 में ही मंजूरी दे दी है और संभावना यह जाहिर की जा रही है कि जनवरी 2026 से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हो जाएगी. सरकारी कर्मचारियों का वेतन भले ही अगले साल बढ़ जाए, लेकिन वेतन बढ़ोतरी में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका होती है. सरकारी कर्मचारियों को अभी से ही इसके लिए गुणा-भाग कर लेना चाहिए. बाद में उन्हें अनुमान लगाने में दिक्कत नहीं होगी.

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है, जिसे मौजूदा मूल वेतन (बेसिक पे) पर लागू करके नया बेसिक पे तय किया जाता है. यह वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पुराने वेतन ढांचे को नए ढांचे में बदलने का काम करता है. इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई, जीवनयापन की लागत और आर्थिक स्थिति के आधार पर वेतन को संतुलित करना है. उदाहरण के तौर पर 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 7,000 रुपये था, तो नया बेसिक वेतन 7,000 ×2.57 = 18,000 रुपये हुआ.

  • 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर: 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर को लेकर विभिन्न अनुमान लगाए जा रहे हैं, जो 1.83 से 3.00 के बीच हो सकता है.
  • फिटमेंट फैक्टर पर अनुमानित वेतन: विभिन्न स्रोतों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 या 3.00 तक हो सकता है. उदाहरण के लिए अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 है और कर्मचारी का मौजूदा बेसिक वेतन 18,000 रुपये है, तो नया बेसिक वेतन 18,000 × 2.86 = 51,480 रुपये हो सकता है.

वास्तविक वेतन वृद्धि

फिटमेंट फैक्टर केवल बेसिक वेतन पर लागू होता है, न कि कुल वेतन (ग्रॉस सैलरी) पर. कुल वेतन में बेसिक वेतन, महंगाई भत्ता (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और अन्य भत्ते शामिल होते हैं. 7वें वेतन आयोग में 2.57 का फिटमेंट फैक्टर होने के बावजूद वास्तविक वेतन वृद्धि औसतन केवल 14.3% थी, क्योंकि डीए को नए बेसिक वेतन में समायोजित कर दिया गया और फिर इसे शून्य कर दिया गया. 8वें वेतन आयोग में अनुमानित वास्तविक वेतन वृद्धि 13% से 34% के बीच हो सकती है, जो फिटमेंट फैक्टर और डीए के समायोजन पर निर्भर करेगा.

  • बेसिक पे: फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बेसिक वेतन में वृद्धि होगी. उदाहरण के लिए 50,000 रुपये का बेसिक वेतन 1.83 के फिटमेंट फैक्टर पर 91,500 रुपये और 2.46 पर 1,23,000 रुपये हो सकता है.
  • भत्ते: डीए,एचआरए और ट्रैवल अलाउंस नए बेसिक वेतन के आधार पर पुनर्गणना किए जाएंगे. डीए को लागू होने पर शून्य कर दिया जाएगा, जिससे वास्तविक वेतन वृद्धि फिटमेंट फैक्टर से कम हो सकती है.
  • पेंशन: पेंशनर्स के लिए भी फिटमेंट फैक्टर लागू होगा. उदाहरण के लिए 22,450 रुपये की मौजूदा पेंशन 2.0 के फिटमेंट फैक्टर पर 44,900 रुपये हो सकती है.

सैलरी पर 8वें वेतन आयोग का वेतन पर प्रभाव

  • न्यूनतम वेतन: मौजूदा न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 21,600 रुपये (फिटमेंट फैक्टर 1.83) से 51,480 रुपये (फिटमेंट फैक्टर 2.86) तक हो सकता है.
  • पे मैट्रिक्स: 8वां वेतन आयोग एक संशोधित पे मैट्रिक्स लाएगा, जिसमें विभिन्न स्तरों (पे मैट्रिक्स लेवल) के लिए वेतन स्लैब्स स्पष्ट होंगे. उदाहरण के लिए स्तर 1 में 18,000 रुपये की सैलरी 32,940 रुपये (1.83) या 44,280 रुपये (2.46) हो सकती है. वहीं, स्तर 7 में 44,900 रुपये की सैलरी 82,207 (1.83) रुपये या 1,10,554 (2.46) रुपये तक हो सकती है.

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कब लागू होगा नया वेतन

उच्च वेतन से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता खर्च और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, इससे सरकारी खर्च भी बढ़ेगा. 8वें वेतन आयोग की स्थापना जनवरी 2025 में मंजूर हो चुकी है, लेकिन इसके नियम और शर्तें अभी जारी नहीं हुई हैं. संभावना जाहिर की जा रही है कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है. हालांकि, देरी के कारण यह 2027 तक खिसक सकता है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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