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जीएसटी का बेड़ा पार, टीम मोदी को भरोसा नहीं बढ़ेगी महंगाई, जानिए क्या होगा बदलाव

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने आखिकार वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी राज्यसभा में पारित करा लिया. वित्तमंत्री अरुण जेटली के कैरियर के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि बन गया है, जिसका अहसास खुशी में रात में उनके द्वारा केक काटे जाने से भी हुआ. आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में अरुण जेटली […]


नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने आखिकार वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी राज्यसभा में पारित करा लिया. वित्तमंत्री अरुण जेटली के कैरियर के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि बन गया है, जिसका अहसास खुशी में रात में उनके द्वारा केक काटे जाने से भी हुआ. आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं जिंसों की कीमत घटेगी और कारोबार करना आसान हो जायेगा. हिंदुस्तान के आर्थिक ताने-बाने व आम आदमी के लिएजीएसटी एक गैम चेंजर की तरह है. इससे आम आदमी की जिंदगी बदल जायेगी. जीएसटी के कारण कई सेवाएं व चीजें सस्ती हो जायेंगी, लेकिन कई सेवाएं व चीजें महंगी भी होंगी.

आम आदमी के लिए सहज शब्दों में यह जानना जरूरी है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स से उनकी जिंदगी कैसे और कितनी बदल जायेगी.एक आशंका बार-बार प्रकट की जा रही है कि जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई बढ़ जायेगी, लेकिन सरकार ने इसका खंडन किया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री अरुण जेटली 2019 के आम चुनाव से पहले 2017 में इसे लागू करने के बाद किसी हाल में नहीं चाहेंगे कि देश में महंगाई बढ़े.यह माना जाता है कि तीसरे साल में राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ जाते हैं. वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार रात विधेयक पास होने के बाद मजबूत शब्दों में कहा कि महंगाई बिल्कुल नहीं बढ़ेगी. सरकारवस्तु एवं सेवा कर कानून कोएकअप्रैल 2017 से लागू करने को पूरी तरह तैयार है. ऐसे मेंआम आदमी को इसके लिए अभी से कमरकस लेना चाहिए.तो आइए आसान शब्दों में जानें,जीएसटीसे कैसे बदलेगीजिंदगी:


एफएमसीजी प्रोडक्ट हो जायेंगे सस्ते


जीएसटी लागू होने के बाद घर में दिन-प्रतिदिन उपयोग में आने वाली एफएमसीजी प्रोडक्ट सस्ते हो जायेंगे. इसका कारण यह है कि अभी एफएमसीजी प्रोडक्ट पर 25 प्रतिशत टैक्स लगता है, जो जीएसटी के लागू होने के बाद 18 प्रतिशत हो जायेगा.

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बुधवार रात में संसद में गहमागहमी थी, जीएसटी विधेयक पारित होने के बाद संसद का एक मोहक दृश्य.

लक्जरी प्रोडक्ट हो जायेंगे महंगे


जीएसटी लागू होने के बाद हर तरह के लक्जरी प्रोडक्ट महंगे हो जायेंगे. जैसे जीएसटी लागू होने के बाद एक अप्रैल 2017 के बाद आप कोई ब्रांडेड शर्ट या वस्तु खरीदते हैं, तो उस पर अधिक टैक्स चुकाना होगा. लक्जरी उत्पाद पर 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा.


अति आवश्यक सामाना पर कम टैक्स


जीएसटी लागू होने पर अति आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम होगी. उन पर मात्र 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा. इससे अति अावश्यक सेवाएं सस्ती हो जायेंगी. ऐसे में अल्प आयवर्ग वाले लोगों को राहत मिलेगी, जो अति आवश्यक वस्तुओं के प्रमुख खरीदार होते हैं.


तंबाकू व तंबाकू उत्पाद महंगे


सिगरेट के धुएं में जीवन का हर फिक्र मिटाने वाले लोगों को अब अधिक पैसे खर्च करने होंगे. जीएसटी के कारण तंबाकू व सभी तरह के तंबाकू उत्पाद आधारित प्रोडक्ट काफी महंगे हो जायेंगे. अभी तंबाकू उत्पादों पर मात्र 15 प्रतिशत टैक्स लगता है, लेकिन जीएसटी लागू होने पर इसमें लगभग तीन गुना वृद्धि होगी. इस पर टैक्स की दर 40 प्रतिशत हो जायेगी.


सेवाएं महंगी होंगी


जीएसटी लागू होने के बाद तमाम तरह की सेवाएं महंगी हो जायेंगी. अभी सेवा कर 14 से 15 प्रतिशत के बीच है. वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद यह 18 प्रतिशत तक हो सकता है. ऐसे में आपको मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड बिल, बीमा प्रीमियम आदि महंगे हो जायेंगे.

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कांग्रेस ने सरकार पर टैक्स की दर 18 प्रतिशत से ज्यादा नहीं करने का दबाव बना रखा है.


सस्ते वाहन हो जायेंगे सस्ते


सस्ते वाहन जीएसटी से सस्ते हो जायेंगे. अगर आपकी इच्छा कोई कार खरीदने की है और आप कुछ महीने रुक कर उसे एक अप्रैल 2015 के बाद खरीदते हैं, तो वह सस्ती पड़ेगी. वर्तमान में ऑटो इंडस्ट्री काे लगभग 25 प्रतिशत टैक्स का बोझ वहन करना होता है, जो जीएसटी के बाद 18 प्रतिशत हो जायेगा. इससे ऑटो इंडस्ट्री को लाभ होगा, उनके वाहनों की बिक्री बढ़ेगी. ऑटो इंडस्ट्री को तब इस बात से फर्क नहीं पड़ेगा कि वे इनपुट मैटेरियल किस राज्य से खरीदते हैं, क्योंकि उसके लिए उन्हें अलग-अलग टैक्स नहीं देना होगा.


लॉजिस्टिक खर्च सस्ते होंगे


जीएसटी लागू होने के बाद लॉजिस्टिक खर्च सस्ते हो जायेंगे, क्योंकि ट्रक व मालवाहक वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में घुसने पर टैक्स नहीं चुकाना होगा. इससे आम आदमी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा. मान लीजिए आप दिल्ली में नौकरी करते हैं और आपका ट्रांसफर मुंबई हो गया तो पैकर्स मूवर्स पर टैक्स का कम बोझ पड़ने से आपको उसे कम भुगतान करना होगा. दूसरी बात, इससे चीजें सस्ती हो जायेंगी.


मकान बनाना, खरीदना सस्ता हाेगा


जीएसटी लागू होने के बाद मकान बनाना व खरीदना सस्ता हो जायेगा. जीएसटी लागू होने पर सीमेंट इंडस्ट्री पर लगाने वाला 25 प्रतिशत टैक्स घटकर 18 से 20 प्रतिशत के बीच हो जायेगा. इससे राहत मिलेगी.


मनोरंजन सस्ता, हवा में उड़ना महंगा


मनोरंजन कर खत्म होने से यह थियेटर में फिल्म देखना सस्ता हो जायेगा. हवाई यात्रा करना महंगा हो जायेगा. विमानन इंडस्ट्री में अभी छह से नौ प्रतिशत सर्विस टैक्स है, जो जीएसटी के बाद 15 से 18 प्रतिशत हो जायेगा.


कारोबार करना होगा आसान


अगर आपके मन में कोई बिजनेस प्लान है, तो जीएसटी लागू होने के बाद वह आसान हो जायेगा. आपके बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन आसानी से हो जायेगा और आपको मल्टी लेवल टैक्स चुकाने से राहत मिलेगी.


यूनिक नंबर से भरा जायेगा टैक्स


जीएसटी लागू होने के बाद यूनिक नंबर से टैक्स भरा जायेगा. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स भरने की प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन सरकार इसे आसान करने का राह निश्चित रूप से तलाशेगी.


ये टैक्स नहीं लगेंगे


एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, सेस, राज्यों का सेस, चुंगी, प्रापर्टी टैक्स, कस्टम ड्यूटी, मनोरंजन कर, एंट्री कर नहीं लगेंगे. इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी. टैक्स की आड़ में परेशान कर वसूली करने की खतरा कम हो जायेगा.


जब टैक्स कम हो जायेगा, तो सरकारी कमायेगी कहां से?


जीएसटी के बारे में अभी जो चर्चाएं हैं, उसमें कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि वर्तमान में औसत टैक्स की दर 30 से 35 प्रतिशत के बीच है और जीएसटी लागू होने के बाद यह 18 से 20 या 22 प्रतिशत के बीच हो सकती है. हालांकि कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सरकार को स्पष्ट रूप से कहा दिया कि किसी भी हाल में यह 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए और हुआ तो उनकी पार्टी इसका तीखा विरोध करेगी. दुनिया के देशों में हालांकि जीएसटी की औसत दर 16 प्रतिशत के आसपास ही है.


ऐसे में यह सवाल आम जनमानस के मन में उठ सकता है कि फिर सरकार कमायेगी कैसे, जब औसत टैक्स कम हो जायेगा? आपको ध्यान होगा कि सरकार बार-बार कहती रही है कि अधिक राजस्व संग्रह के लिए अधिक से अधिक लोगों को टैक्स कवर के दायरे में लाना है. सरकार अगले चरण में इस पर काम करेगी, जिससे अधिक से अधिक नागरिक टैक्स दायरे में आयें और वर्तमान में वैसी सेवाएं व वैसे छोटे कारोबार जो टैक्स दायरे से बाहर हैं, उन्हें भी इसमें शामिल किया जायेगा. जीएसटी से टैक्स प्रणाली का सरलीकरण होगा, जिससे घरेलू व विदेश निवेशकों का भारत में कारोबार के प्रति रुझान बढ़ेगा, इससे राजस्व व अर्थव्यवस्था का लाभ होगा. जीएसटी से कम टैक्स लगने के कारण कंज्यूमर डिमांड बढ़ेगा, जिससे राजस्व संग्रह बढ़ जायेगा.


विशेषज्ञों का क्या कहना है?


बड़ी कॉरपोरेट हस्ती किरण मजूमदार शॉ कहती हैं कि वित्तमंत्रीअरुण जेटली कह रहे हैं कि जीएसटी के लिए आइटी बैक बॉन तैयार है, अगर उनकी ऐसी तैयारी है तो कॉरपोरेट जगत भी जीएसटी को स्वीकार करने व लागू करने को तैयार है. वहीं, गोदरेज ग्रुप के प्रमुख आदि गोदरेज कहते हैं कि जीएसटी से देश की जीडीपी डेढ़ से दो प्रतिशत तक बढ़ जायेगी. कंप्यूमर डिमांड बढ़ेगा, जिससे टैक्स संग्रह बढ़ेगा.


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