नयी दिल्ली : सरकार ने एक कोष स्थापित किया है जिसमें पीपीएफ, कर्मचारी भविष्य निधि तथा लघु बचलत योजनाओं में पडी बिना दावे वाली राशि का इस्तेमाल किया जाएगा. इस कोष का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थकेयर सुविधाएं तथा पेंशन देने में किया जाएगा. एक अनुमान के अनुसार 9000 करोड रुपये से अधिक की इस […]
नयी दिल्ली : सरकार ने एक कोष स्थापित किया है जिसमें पीपीएफ, कर्मचारी भविष्य निधि तथा लघु बचलत योजनाओं में पडी बिना दावे वाली राशि का इस्तेमाल किया जाएगा. इस कोष का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थकेयर सुविधाएं तथा पेंशन देने में किया जाएगा. एक अनुमान के अनुसार 9000 करोड रुपये से अधिक की इस तरह की राशि का कोई दावेदार नहीं है.
एक अधिसूचना के अनुसार डाकघर, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जैसे सरकारी संस्थानों को बिना दावे वाली राशि का आकलन कर उसे ‘वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष’ में स्थानांतरित करना होगा. यह राशि हर साल एक मार्च से पहले स्थानांतरित करनी होगी.
इस राशि का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा को प्रोत्साहित करने, वृद्धावस्था पेंशन, हेल्थकेयर, स्वास्थ्य बीमा व बुजुर्ग विधवाओं के कल्याण के लिए किया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल वृद्ध आश्रमों से जुडी योजनाओं में भी किया जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट (2015-16) में इस तरह का कोष बनाने की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा था कि पीपीएफ में लगभग 3000 करोड रुपये की बिना दावे वाली राशि तथा ईपीएफ कोष में 6000 करोड रुपये से अधिक की इस तरह की राशि का इस्तेमाल उक्त कोष में किया जाएगा. देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 10.5 करोड से अधिक है. इसमें से एक करोड से ज्यादा तो 80 साल से भी अधिक उम्र के हैं. इनमकें से 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और बडी संख्या बीपीएल श्रेणी की है.
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