नयी दिल्ली: सरकार ने आज आनलाइन खुदरा बाजार मंच के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है ताकि देश में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करना है. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के दिशानिर्देशों में यह स्पट है कि माल रख कर ई-कामर्स के जरिए उसकी खुदरा बिक्री के माडल में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी. गौरतलब है कि वैश्विक आन लाइन खुदरा कंपनियां आमेजन और ईबे आदि भारत में ऑनलाइन मार्केट मंच का परिचालन कर रही हैं. इस क्षेत्र में फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों में भी विदेशी कंपनियों का निवेश है. पर विभिन्न ऑनलाइन रिटेल माडलों में एफडीआई को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं था.
स्पष्टता लाने के लिए डीआईपीपी ने ई-कामर्स को इन्वेंटरी यानी माल का भंडार कर किया जाने वाला आनलाइन खुदरा कारोबार और खुदरा कारोबार के लिए आनलाइन बाजार का मंच चलाने का मॉडल के रुप में परिभाषित भी किया है. मार्केट प्लेस माडल से तात्पर्य किसी ई-कामर्स इकाई द्वारा डिजिटल और इलेक्ट्रानिक नेटवर्क पर आईटी प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है. इस माडल में ई-कामर्स इकाई क्रेता-विक्रेता के बीच केवल संपर्क की भूमिका निभाएगा. इन्वेंट्री माडल से तात्पर्य उन ई-कामर्स गतिविधियों से है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का भंडार ई-कामर्स इकाई के पास है और इसे उपभोक्ताओं को सीधे बेचा जाता है. दिशानिर्देश में हालांकि कहा गया है कि ई-कामर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी. डीआईपीपी ने कहा कि नीति में स्पष्टता के लिए ई-कामर्स क्षेत्र में एफडीआई पर दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं.
सरकार बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) ई-कामर्स में
पहले ही 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे चुकी है. दिशानिर्देशों के तहत ई-कामर्स से तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं की ऑन लाइन खरीद फरोख्त से है. इसमें डिजिटल और और इलेक्ट्रानिक नेटवर्क पर डिजिटल उत्पादों की खरीद फरोख्त भी शामिल है. डिजिटल और इलेक्ट्रानिक नेटवर्क में कंप्यूटर, टीवी चैनल और अन्य इंटरनेट एप्लिकेशन शामिल हैं. डीआईपीपी ने कहा कि ई-कामर्स मार्केट प्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लाजिस्टिक्स, आर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं. हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इन्वेंट्री पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा. इस तरह के स्वामित्व से कारोबारी माडल इन्वट्रेरी आधारित माडल हो जाएगा.
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