मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय के समन को आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के वकील द्वारा लौटाए जाने के एक दिन बाद केंद्रीय एजेंसी ने आज इस कागजात की एक प्रति उन्हें ईमेल कर दी. निदेशालय के एक अधिकारी ने आज यहां बताया कि ललित मोदी के वकील द्वारा समन की प्रति लौटाए जाने के […]
मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय के समन को आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के वकील द्वारा लौटाए जाने के एक दिन बाद केंद्रीय एजेंसी ने आज इस कागजात की एक प्रति उन्हें ईमेल कर दी. निदेशालय के एक अधिकारी ने आज यहां बताया कि ललित मोदी के वकील द्वारा समन की प्रति लौटाए जाने के बाद हमने इसकी एक प्रति ललित को ईमेल की है.
कल ललित के वकील ने समन की प्रति लौटाते हुए कहा था कि वह इसे प्राप्त करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.गौरतलब है कि यहां ललित के खिलाफ दर्ज मनी लाउंड्रिंग के एक मामले में ईडी ने पिछले शुक्रवार को उनके वकील के जरिए उन्हें समन जारी किया था. इस समन के जरिए तीन हफ्तों के अंदर ईडी के कार्यालय में उन्हें उपस्थित होने को कहा गया है.
यह मामला वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) और मल्टी स्क्रीन मीडिया (एमएसएम) के बीच हुए 2008 के एक करार का है जो आईपीएल के 425 करोड रुपये के टीवी प्रसारण अधिकार को लेकर हुआ था.2008 में बीसीसीआई ने मीडिया अधिकार 10 साल के लिए डब्ल्यूएसजी को 91. 8 करोड डॉलर में दिया था. सोनी को आधिकारिक प्रसारणकर्ता बनाने के लिए डब्ल्यूएसजी ने एमएसएम के साथ एक करार किया था. अनुबंध को साल भर बाद नौ साल के एक करार में बदल दिया गया जहां एमएसएम ने 1. 63 अरब डॉलर अदा किए.
ईडी ने फेमा के तहत 2009 में जांच शुरू की थी, जिसका मकसद यह पता लगाना है कि एमएसएम सिंगापुर द्वारा डब्ल्यूएसजी मॉरीशस को अदा की गई 425 करोड रुपये की फेसिलिटेशन फी क्या अवैध रुप से दी गयी थी.
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