नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ‘अन्नदाता’ का कल्याण सरकार के लिये प्राथमिकता है और उनके हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता. बजट के बाद छोटे उद्यमियों, युवाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित पांच पत्रों में प्रधानमंत्री ने किसानों को अन्नदाता बताया है. वित्त मंत्रालय ने आज वेबसाइट पर इन पत्रों को पोस्ट किया. उन्होंने कहा, ‘आपका (किसानों) कल्याण मेरी सरकार की प्राथमिकता है और आपके हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता.’
कुछ राज्यों में बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार जरुरत के समय आपके पीछे खडी है, हम आपको समर्थन देने के लिये राज्य सरकारों के संपर्क में हैं. 31 मार्च 2015 को लिखे गये पत्र में मोदी ने कहा है कि सरकार ने जिंसों के दाम में तीव्र गिरावट की स्थिति में मदद पहुंचाने के लिये कीमत स्थिरीकरण कोष स्थापित की है.
उन्होंने लिखा है, ‘हम राष्ट्रीय कृषि बाजार तैयार करने, सभी बिचौलियों को हटाने के लिये सक्रियता से राज्यों के साथ काम कर रहे हैं.’ छोटे उद्यमियों को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) बैंक कम कागजी काम के साथ सस्ती दर पर कर्ज की सुविधा सुनिश्चित करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम स्टार्ट अप कंपनियों को ऋण से लेकर उससे जुडी सभी पहलुओं के लिये सेतु (सेल्फ इम्लायमेंट एंड टैलेंट यूटिलाइजेशन) प्रणाली स्थापित कर रहे हैं.
अत्याधुनिक स्तर का अनुसंधान एवं विकास चाहने वालों के लिये वैश्विक स्तर का अनुसंधान केंद्रों के नेटवर्क को बढावा देने के लिये एआइएम (अटल इनोवेशन मिशन) भी स्थापित की गयी है. ज्ञान आधारित समाज का वादा करते हुए मोदी ने युवाओं को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार युवाओं की शक्तियों के उपयोग के लिये बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी तथा समर्थन प्रणाली विकसित करेगी.
उन्होंने 2017 तक सभी विश्वविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा तथा सभी स्कूलों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी स्थापित करने के बारे में भी लिखा है. वरिष्ठ नागरिकों को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष जैसे कदमों को रेखांकित किया है.
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