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भारतीय चाय उद्योग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है ग्रीन पीस

नयी दिल्ली : गृहमंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारत में उगाई जाने वाली चाय की पत्तियों में हानिकारक कीटनाशक होने की बात विदेशों में कह कर ग्रीनपीस उस भारतीय चाय उद्योग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है जिसमें 35 लाख कर्मचारी काम करते हैं और जिसे पिछले साल निर्यात से 64.4 करोड़ […]

नयी दिल्ली : गृहमंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारत में उगाई जाने वाली चाय की पत्तियों में हानिकारक कीटनाशक होने की बात विदेशों में कह कर ग्रीनपीस उस भारतीय चाय उद्योग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है जिसमें 35 लाख कर्मचारी काम करते हैं और जिसे पिछले साल निर्यात से 64.4 करोड़ डॉलर की कमाई हुई थी.

गृहमंत्रालय द्वारा ग्रीनपीस इंडिया की गतिविधियों के बारे में तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, इस गैर सरकारी संगठन ने ट्रबल ब्रूइंग ऑन इंडियन टी शीर्षक वाला शोधपत्र प्रकाशित किया है, जिसमें उसने दावा किया है कि चाय में हानिकारक कीटनाशक हैं.

रिपोर्ट में कहा गया, उस (ग्रीनपीस) का दावा है कि भारत के प्रमुख चाय ब्रांडों में हानिकारक कीटनाशिकों की पहचान की गई है. ये सभी ब्रांड बड़ी मात्रा में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप को निर्यात किए जाते हैं. गृहमंत्रालय ने कहा कि ग्रीनपीस ने फॉरेंसिक विश्लेषण जारी नहीं किया है. खुफिया सूत्रों का मानना है कि यह विश्लेषण यूरोप के किसी देश की एक निजी प्रयोगशाला में किया गया है.
गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय चाय बोर्ड इन नतीजों से असहमत है और वह इसे भारतीय चाय निर्यात को प्रभावित करने के प्रयास के रुप में देखता है. ग्रीनपीस का चाय-विरोधी अभियान चीनी चाय कंपनियों के खिलाफ अभियान के समान है.
अप्रैल 2012 में, ग्रीनपीस ने एक ऐसी ही सवालिया रिपोर्ट चीनी चाय में छिपे तत्व प्रकाशित की थी, जिसमें चाय के 18 नमूनों में 29 विभिन्न कीटनाशक पाए जाने का दावा किया गया था. इसने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली चावल और गेहूं जैसी चीजों को भी निशाना बनाने और इन क्षेत्रों में कीटनाशकों के दुरुपयोग को रेखांकित करने का फैसला किया है.
भारत विश्व में चाय के उत्पादक प्रमुख देशों में से एक है. यहां पैदा की जाने वाली चाय को दुनिया की सबसे बेहतरीन चायों में से एक माना जाता है. चाय उगाने वाले प्रमुख क्षेत्र देश के पूर्वोत्तर भाग में हैं, जिनमें असम, दार्जिलिंग जिला और उत्तर बंगाल का दुआर क्षेत्र आता है. इसके अलावा दक्षिण भारत के नीलगिरि भी इन बडे उत्पादकों में शामिल हैं.
चाय उद्योग देश में रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है. 1500 से ज्यादा चाय बागानों में लगभग 35 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. वर्ष 2014 में, भारत में 118.50 करोड़ किलो चाय का उत्पादन किया गया था.

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