27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2016 तक राजकोषीय घाटा तीन प्रतिशत तक कर लेंगे : रघुराम राजन

न्यूयॉर्क : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार को असमान मानते हुए कहा है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हम पांच प्रतिशत का विकास दर हासिल कर लेंगे और उसमें अगले वित्तीय वर्ष से सुधार आयेगा. उन्होंने चुनौतियों का उल्लेख करने के साथ कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रित किया […]

न्यूयॉर्क : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार को असमान मानते हुए कहा है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हम पांच प्रतिशत का विकास दर हासिल कर लेंगे और उसमें अगले वित्तीय वर्ष से सुधार आयेगा. उन्होंने चुनौतियों का उल्लेख करने के साथ कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रित किया जा रहा है. उन्होंने राजकोषीय घाटे में आ रही गिरावट का उल्लेख करते हुए है कि 2016 में हम इसे तीन प्रतिशत तक लेते आयेंगे.
आरबीआइ गवर्नर ने यह भी कहा कि वह फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढोतरी के बारे में बहुत चिंतित नहीं है, क्योंकि देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है.
उन्होंने कहा ‘‘यह अभी भी असमान आर्थिक सुधार है, इसलिए मेरा अनुमान है कि यह तिमाही पिछली तिमाही के मुकाबले थोडी कमजोर होगी, लेकिन मेरा मानना है कि इस साल की शेष अवधि में हम ठोस रूप से पांच प्रतिशत की वृद्धि और अगले साल हम मजबूती से छह प्रतिशत के दायरे में होंगे.’’ राजन शनिवार को वाशिंगटन में इंस्टीच्यूट आफ इंटरनैशनल फाइनेंश में बोल रहे थे.
राजन ने हालांकि कहा कि इस समय जरूरत अटकी पड़ी परियोजनाओं को फिर से शुरू करने तथा कोयला एवं गैस की जुड़ी समस्या दूर करने की है. इसके साथ-साथ जरूरत है कि कंपनियां और सरकार अपने बकायों का समय से भुगतान करें. आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि कि , ‘ये बातें सुर्खियों में स्थान नहीं पातीं पर इनका बड़ा महत्व हैं.’ राजन ने कहा कि इन एक दो साल में उठाए गए कदमों से 2016 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार तय होने वाली है. उन्हाेंने कहा कि बुनियादी ढांचा पर बहुत जोर है.
उन्होंने कहा ‘‘ ऊर्जा के मामले में भारत में मूल्यनिर्धारण की व्यवस्था ठीक करनी है. इसका अर्थ है कि कोयले का मूल्य निर्धारण, गैस का मूल्य निर्धारण ऐसा हो कि लोगों को इनकी खोज और निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.’’ सरकार इन बड़े मुद्दों से जूझ रही है कि गैस का उचित मूल्य क्या हो, कोयले के उत्पादन में कितना लचीलापन हो और उचित मूल्य क्या हो.
राजन ने कहा ‘‘मुङो लगता है कि अगले कुछ महीनों में ये बड़े फैसले किए जाएंगे और इससे ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का अपेक्षाकृत बेहद स्पष्ट माहौल बनेगा जिसकी भारत को बहुत जरूरत है.’’ यह पूछने पर कि क्या भारत सरकार आर्थिक वृद्धि के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेगा, राजन ने कहा ‘‘बातें करना बेकार है. हमें काम करने की जरूरत है. हमें काम करना शुरू करना होगा.’’ उन्होंने कहा ‘‘हम ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन इस दायरे पर नजर रखिए और नतीजा देखिए. उम्मीद है कि इससे आप संतुष्ट होंगे.’’उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को लीक पर लाने के लिए कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है और सरकार इस पर काम कर रही है.
राजन ने कहा ‘‘मुद्रास्फीति में कमी लाने के संबंध में हमने जो प्रस्ताव किया है, उसे व्यापक स्वीकृति मिली है लेकिन इसे अभी कानून में शामिल नहीं किया गया है.’’ उन्होंने कहा ‘‘अब तक मेरे पास वह है जो मुङो चाहिए . यानी उतरने का रास्ता, जिससे फिलहाल वित्तीय बाजार सहमत है कि हम जो कहते हैं उसका अर्थ समझते हैं और हम जो कहते हैं वह हम करेंगे.’’
राजन ने कहा ‘‘इससे उभरते बाजारों में थोड़ा उतार-चढाव आएगा. मेरा अनुमान है कि शुरुआती उतार-चढाव के बाद अलग-अलग जगह पर अलग-अलग असर होगा. वित्तीय निवेशक यह देखने की कोशिश करेंगे कि वृहत स्थिरता कहां है. मुङो उम्मीद है कि भारत उस समूह में शामिल होगा जहां स्थिरता होगी.’’ आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि वह मामले में बहुत चिंतित नहीं हैं, क्योंकि अब बहुत सी परिस्थितियां भारत के पक्ष में हैं. मसलन, भारत के पास पिछले साल के मुकाबले विशाल मुद्रा-भंडार है.
उन्होंने कहा ‘‘मुद्रास्फीति उल्लेखनीय रूप से घट रही है. राजकोषीय घाटे में गिरावट हो रही है जो 2016 तक तीन प्रतिशत पर आ जाएगा और हम मजबूत वृद्धि की राह पर हैं.’’ उन्होंने कहा कि भारत विनिमय दर का प्रबंधन करने की कोशिश नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा ‘‘हमरी दर बहुत ज्यादा ऊंची नहीं है, लेकिन हमने विदेशी मुद्रा भंडार का संग्रह रपए की दर की कीमत पर नहीं किया गया है.’’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें