मुंबई : रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा गुरुवार को पेश करेगा. यह समीक्षा ऐसे समय आयेगी, जब आर्थिक वृद्धि में नरमी बरकार है, लेकिन मुद्रास्फीति बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा इस वित्त वर्ष की आखिरी समीक्षा होगी. आरबीआई ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 4-6 का बैठक होगी.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह मौद्रिक नीति समीक्षा छह फरवरी को वेबासाइट पर दोपहर से पहले डालेगा. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है. इसका कारण विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारक हैं. इसमें उपभोग मांग में कमी शामिल है. दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति भी 7.3 फीसदी के उच्च स्तर पर रही. इसका कारण सब्जी खासकर प्याज और टमाटर का महंगा होना है.
डीबीएस ग्रुप रिसर्च की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा, ‘हमारा मानना है कि केंद्रीय नीतिगत दर को यथावत रख सकता है, लेकिन वह नरम रुख बनाये रखेगा, ताकि पूंजी की लागत स्थिर और अनुकूल बनी रहे.’ पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने नीतिगत दर को यथावत 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा था. रेपो दर वह दर है, जिस पर केंद्रीय बैंक अपने बैंकों को कर्ज देता है.
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