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औद्योगिक उत्पादन और रुपये में गिरावट से 229 अंक लुढ़का सेंसेक्स

मुंबई : कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़े तथा अमेरिका-चीन व्यापार समझैता को लेकर भ्रम की स्थिति बनने से बुधवार को कारोबारी धारणा कमजोर रही, जिससे शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहा. इस दौरान बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 229 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. इसके अलावा, हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन का भी […]

मुंबई : कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़े तथा अमेरिका-चीन व्यापार समझैता को लेकर भ्रम की स्थिति बनने से बुधवार को कारोबारी धारणा कमजोर रही, जिससे शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहा. इस दौरान बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 229 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. इसके अलावा, हांगकांग में जारी विरोध प्रदर्शन का भी क्षेत्रीय शेयर बाजारों पर असर रहा. कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तीव्र गिरावट से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है. कारोबार के दौरान अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 72 के स्तर से नीचे चला गया.

कारोबार के दौरान 386 अंकों के उतार-चढ़ाव के बाद 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 229.02 अंक यानी 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 40,116.06 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 73 अंक यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 11,840.45 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान यस बैंक को हुआ. इसमें 6.51 फीसदी की गिरावट आयी. उसके बाद क्रमश: एसबीआई, एक्सिस बैंक, वेदांता, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, आईटीसी, इन्फोसिस तथा टेक महिंद्रा का स्थान रहा, जिसमें 3.69 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी. वहीं, टीसीएस, आरआईएल, एचयूएल, मारुति और एनटीपीसी 3.76 फीसदी तक मजबूत रहे.

अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते को लेकर भ्रम की स्थिति बने रहने से बाजार पर असर पड़ा. एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को व्यापार के मामले में धोखेबाज कहा, जबकि दूसरी तरफ 18 महीनों से जारी व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिए शुरुआती समझौते पर जोर दिया. इससे दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है. उधर, हांगकांग में उग्र विरोध प्रदर्शन के कारण शंघाई, हांगकांग, तोक्यो और सोल 1.82 प्रतिशत तक गिरावट के साथ बंद हुए. शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में गिरावट का रुख रहा.

विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 57 पैसे लुढ़ककर 72.04 तक नीचे चला गया. वैश्विक स्तर पर नरमी के अलावा औद्योगिक उत्पादन का आंकड़ा कमजोर रहने का भी बाजार पर असर पड़ा. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सितंबर में 4.3 फीसदी घटा, जो सात साल में सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन घटा है.

इसके अलावा, एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 5 फीसदी रहने के अनुमान का भी बाजार पर प्रभाव पड़ा. पूर्व में एसबीआई रिसर्च ने आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. इससे अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता बढ़ी है.

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