नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने गुरुवार को व्हाट्सएप जासूसी विवाद में कहा कि नागरिकों के निजता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. उसने कहा कि इसके जरिये भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. उसने कहा कि सरकार नागरिकों के निजता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके पहले, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हॉट्सएप से जवाब मांगा है. व्हॉट्सएप से अपना जवाब चार नवंबर तक देने को कहा गया है.
दरअसल, इस विवाद ने तब तूल पकड़ा, जब व्हॉट्सएप ने कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में व्हॉट्सएप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है.
व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है. यह इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी है. समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किये हैं. चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.
हालांकि, व्हॉट्सएप ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं. व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया.
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