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HDFC Bank प्रमुख ने कहा, आर्थिक सुस्ती ऋण कारोबार को बढ़ाने का बेहतर अवसर

मुंबई : निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एचडीएफसी बैंक ने सोमवार को कहा कि आर्थिक सुस्ती की वजह से उसके कामकाज पर कोई दबाव नहीं है और वह मौजूदा दौर को अपने ऋण कारोबार को बढ़ाने के बेहतर अवसर के रूप में देखता है. एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पुरी […]

मुंबई : निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक एचडीएफसी बैंक ने सोमवार को कहा कि आर्थिक सुस्ती की वजह से उसके कामकाज पर कोई दबाव नहीं है और वह मौजूदा दौर को अपने ऋण कारोबार को बढ़ाने के बेहतर अवसर के रूप में देखता है. एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य पुरी ने कहा कि बैंक के निदेशक मंडल द्वारा घोषित खोज समिति को जनवरी तक गठित कर लिया जायेगा, ताकि बैंक का आगे नेतृत्व करने वाले चयनित व्यक्ति को उनके साथ एक-दो महीने काम करने का अवसर मिल सके.

बैंक की जून में समाप्त पहली तिमाही के दौरान सकल गैर-निष्पादित राशि का अनुपात 1.40 फीसदी रहा है. जून में समाप्त तिमाही के दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि की दर छह साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी, जिससे आने वाले समय में बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की जाने लगी थी. आर्थिक सुस्ती के बारे में पूछे गये सवाल पर आदित्य पुरी ने कहा कि हम वृद्धि हासिल करेंगे, हमारी संपत्तियां बढ़ेंगी, देनदारी बढ़ेगी, डेबिट, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ेगा, हमारे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और इसको लेकर हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं.

उन्होंने कहा कि उद्योग जगत में कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं हुई. यदि ऐसा होता है, तो कर्जदाता बैंकों को चिंता होना स्वाभाविक लेकिन स्थिति यह है कि कुल मिलाकर रोजगार बढ़ा है. हालांकि, उन्होंने इसमें यह जोड़ा है कि हो सकता है कि वाहन विनिर्माता कंपनियों ने कुछ अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की हो. आदित्य पुरी ने अर्थव्यवस्था के पक्ष में रहे सकारात्मक घटनाक्रमों को गिनाते हुए कहा कि मानसून अच्छा रहा है, विनिवेश बढ़ने की उम्मीद है और कॉरपोरेट कर में कटौती के बाद धारणा बेहतर हुई है, इन सब चीजों को बैंक बेहतर अवसर के रूप में देखता है.

उन्होंने कहा कि हम इस स्थिति को एक बड़े अवसर के रूप में देखते हैं और एक बैंक के तौर पर हमें अपने ऋण पोर्टफोलियों में कहीं काई दबाव नहीं दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि बैंक ने अपने ऋण मानकों से कोई समझौता नहीं किया है और न ही पहले से ज्यादा बोझ तले दबे लोगों को वह कर्ज दे रहा है. पुरी ने कहा कि बैंक अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में ऋण मांग बढ़ने की बेहतर संभावनायें देख रहा है. इन क्षेत्रों में मौजूद मांग को आने वाले समय में देखकर कोई भी अचंभित हो सकता है.

आदित्य पुरी से उनके उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनवरी तक निदेशक मंडल के स्तर पर एक खोज समिति गठित कर दी जायेगी. यह समिति एक एजेंसी को उत्तराधिकारी के उम्मीदवारों की खोज का काम देगी. उत्तराधिकारी का चयन इस प्रकार होगा कि वह कम से एक या दो महीने उनके (पुरी) के साथ काम कर सके. पुरी अक्टूबर में 70 साल के हो जायेंगे. पुरी ने एक सवाल पर कहा कि बैंक फिलहाल किसी तरह के अधिग्रहण पर गौर नहीं कर रहा है. यदि भविष्य में कुछ सही दाम पर कुछ मिलता है, तो तब देखा जायेगा.

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