22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीतारमण ने कहा, विकास कार्यों के लिए जरूरी है टैक्स का दायरा बढ़ाना, लोगों को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री सीतारमण ने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने, अमीरों पर कर अधिभार बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल पर शुल्क बढ़ाने का बचाव करते हुए शनिवार को कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिए बुनियादी सुविधाएं खड़ी करने करने के लिए संसाधन जुटाना जरूरी है. वित्त वर्ष 2019- 20 का […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री सीतारमण ने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने, अमीरों पर कर अधिभार बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल पर शुल्क बढ़ाने का बचाव करते हुए शनिवार को कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिए बुनियादी सुविधाएं खड़ी करने करने के लिए संसाधन जुटाना जरूरी है. वित्त वर्ष 2019- 20 का बजट पेश करने के एक दिन बाद यहां संवाददाताओं से खास बातचीत में सीतारमण ने कहा कि विदेशों से सोना और पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में अहम विदेशी मुद्रा खर्च होती है.

इसे भी देखें : पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाने के बाद वित्त मंत्री ने किया आश्वस्त, नियंत्रण में रहेगी महंगाई

उन्होंने कहा कि देश में राजमार्गों, हवाईअड्डों, रेल परियोजनाओं, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. यही नहीं, वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में भी सरकार ने कई वस्तुओं पर कर की दर घटाकर करोड़ों रुपये के राजस्व लाभ उपभोक्ताओं को दिया है.

सीतारमण से जब दो करोड़ और पांच करोड़ रुपये की कमाई करने वालों पर ऊंची दर से अधिभार लगाये जाने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए खड़ी की जाने वाली ढांचागत सुविधाओं के लिए संसाधन जुटाने की जरूरत है. सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. कर आधार बढ़ाने की जरूरत है. सरकार आपको सुविधाएं उपलब्ध करा रही है और आपसे उसका छोटा सा हिस्सा ले रही है.

उल्लेखानीय है कि बजट में 2 से 5 करोड़ रुपये के बीच सालाना कमाई करने वालों पर 25 फीसदी की दर से तथा 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वालों पर 37 फीसदी की दर से अधिभार लगाया गया है. सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आभूषण निर्माता यदि आभूषण निर्यात के लिए कच्चे माल के तौर पर सोने का आयात करते हैं, तो उस पर सीमा शुल्क नहीं लगता है.

उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए किये जाने वाले आयात पर शुल्क नहीं लगता है, लेकिन यदि आप घरेलू खपत के लिए सोने का आयात करते हैं, तो देश को भी आप कर के रूप में थोड़ा दे सकते हैं. पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भी काफी विदेशी मुद्रा खर्च होती है. बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च हो रही है, इस पर नियंत्रण करना होगा.

उन्होंने कहा कि देश की खानों में इतना सोना नहीं निकलता है, जितना देश में सोने की मांग है. भारत में सोने को रखना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके आयात में कीमती विदेशी मुद्रा खर्च होती है, इसलिए कर के रूप में आप देश को भी थोड़ा दे सकते हैं. सड़क, हवाईअड्डा और सौर ऊर्जा तमाम सुविधाएं सरकार खड़ी कर रही है.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में बड़ी मात्रा में खर्च हो रहा है. तमाम शहरों में मेट्रो रेल की सुविधा बन रही है. यह सब कैसे संभव होगा. जीएसटी में जरूरी वस्तुओं को दर में कमी लाकर सरकार ने एक साल के भीतर ही 94,000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ा है और उसका लाभ उपभोक्ता को दिया. इसलिए अमीरों से एक छोटा हिस्सा सरकार ने लिया है और सभी को इसमें योगदान करना चाहिए.

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम होने के बावजूद उन पर सरकार का नियंत्रण बना रहेगा. वित्त मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकारी उपक्रमों में भारतीय जीवन बीमा निगम, बैंक तथा सरकारी वित्तीय संस्थानों के पास भी कुछ हिस्सेदारी होती है.

उन्होंने कहा कि सरकार हिस्सेदारी की इस नीति में संशोधन करने पर विचार कर रही है, जिससे कि सार्वजनिक उपक्रमों की हिस्सेदारी को भी सरकार की हिस्सेदारी माना जायेगा और इसको मिलाकर यह 51 फीसदी से कम हिस्सेदारी नहीं होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें