नयी दिल्ली:प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सी रंगराजन की अध्यक्षतावाले विशेषज्ञ समूह की गरीबी पर रिपोर्ट एक जुलाई को आयेगी. इस समिति का गठन गरीबी के आकलन के तरीके की समीक्षा के लिए किया गया है. इस रिपोर्ट से देश में गरीबों के आंकड़ों को लेकर असमंजस की स्थिति दूर हो जायेगी.
रंगराजन ने कहा, ‘हम एक जुलाई को रिपोर्ट सौंपेंगे.’ योजना आयोग ने मई, 2012 में तेंडुलकर समिति के गरीबी के आकलन के तरीके की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन किया था. देश में गरीबों की संख्या को लेकर मचे होहंगामे के मद्देनजर इस समिति का गठन किया गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या वह तेंडुलकर समिति के तरीके की समीक्षा के लिए और समय लेंगे.
रंगराजन ने कहा, ‘मेरा ऐसा इरादा नहीं है.’ विशेषज्ञ समूह को गठन के 7 से 9 माह के दौरान अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन इसे कई बार विस्तार दिया गया. अब समूह द्वारा रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा 30 जून को समाप्त हो रही है. सितंबर, 2011 में योजना आयोग के गरीबी के पैमाने को लेकर काफी आलोचना हुई थी. उस समय सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में कहा गया था कि शहरी क्षेत्रंे में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन उपभोग वाले परिवार तथा ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का उपभोग करनेवाले परिवारांे को गरीब नहीं माना जायेगा.
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