दावोस : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को दुनिया भर के टॉप नेताओं से अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में लोगों का विश्वास फिर से कायम करने के लिए कहा. साथ ही, उन्होंने अमेरिका, चीन और भारत जैसे देशों से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में नयी जान फूंकने का आग्रह भी किया. उन्होंने आशाओं से परिपूर्ण नयी अर्थव्यवस्था को बनाने के लिए अपने ही देश का उदाहरण दिया.
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आबे ने कहा कि जापान ने बुजुर्ग लोगों की बढ़ती आबादी की समस्या से निपटने के लिए महिलाओं पर केंद्रित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाकर हमने पराजय को भी मात दे दी. आबे ने कहा कि जापान स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने और उसे बचाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है. विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में विशेष संबोधन में आबे ने कहा कि जब मैंने दोबारा 2012 में प्रधानमंत्री पद संभाला था, तो बहुत से लोगों का मानना था कि जापान खत्म होने की कगार पर है. इस सोच के पीछे उनका तर्क जापान में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी थी, जिसके कारण जापान आगे नहीं बढ़ सकता था.
उन्होंने कहा कि यह एक निराशा का कारण था. उस समय हमारे कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या में 45 लाख की कमी हुई. हमने महिलाओं पर केंद्रित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया. आबे ने कहा कि इसका नतीजा यह रहा कि अब देश में 20 लाख अधिक महिलाएं काम कर रही हैं. कामकाज में महिलाओं की भागीदारी 67 फीसदी तक बढ़ी है. इन सब की वजह से हमने पराजय को मात दे दी.
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