नीमच : मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी सीमांत मंडी नीमच में मंगलवार को प्याज 50 पैसे किलो और लहसुन दो रुपये किलोग्राम थोक के भाव बिका. इतने कम भाव मिलने से फसल उत्पादक किसान या तो फसल वापस ले जा रहे हैं या फिर मंडी में ही छोड़ कर जा रहे हैं. गिरते दामों से किसानों को लागत तो दूर माल को मंडी में लाने तक का किराया-भाड़ा भी नहीं मिल रहा है.
नीमच मंडी सचिव संजीव श्रीवास्तव ने भी स्वीकार किया है कि अधिक माल की आवक से दामों में गिरावट आयी है. कहा माल की हल्की गुणवत्ता से भी प्याज-लहसुन के दाम गिरे. नीमच के केलूखेड़ा गांव के किसान इंदरमल पाटीदार ने बताया कि मैं 15 क्विंटल प्याज लेकर आया था, सोचा प्याज बेचकर कुछ जरूरी सामान खरीदेंगे लेकिन जब पहुंचे तो पता चला प्याज का भाव तो मात्र 50 पैसे किलो रह गया.
अब यह प्याज वापस ले जा रहा हूं, मवेशियों को खिलाऊंगा. राजस्थान के मरजीवी गांव से आये किसान महेश कुमार ने कहा कि हम प्याज का भाव नहीं मिला ऐसे में यह प्याज यहीं छोड़ कर जा रहे हैं, क्योंकि ले जाने का भाड़ा कौन भुगतेगा. श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को मंडी में 5000 क्विंटल प्याज और 8000 क्विंटल लहसुन की भारी आवक हुई.
प्याज बिक्री की राशि पीएम को भेजी, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
नासिक के किसान संजय साठे द्वारा प्याज की पूरी 750 किलो की फसल बिक्री से मिली मामूली 1064 रुपये की रकम पीएम को भेजने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब मांगी है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. नासिक के कार्यवाहक रेजिडेंट कलेक्टर शशिकांत मंगरुले ने भी इसकी पुष्टि की.
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