नयी दिल्ली : कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि गेहूं बुवाई के काम ने जोर पकड़ लिया है तथा चालू रबी (सर्दियों) के मौसम में अभी तक इस फसल के खेती का रकबा 20 प्रतिशत बढ़कर 15.19 लाख हेक्टेयर हो गया है.
हालांकि, दालों और तिलहन खेती का रकबा पिछले साल की इसी अवधि से पीछे चल रहा है. रबी फसलों की बुवाई अक्तूबर से शुरू होती है और मार्च से कटाई का काम शुरू होता है.
गेहूं प्रमुख रबी फसल है. साल भर पहले 12.65 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था. मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की सबसे अधिक बुवाई मध्यप्रदेश में हुई जहां किसानों ने चालू सत्र में अभी तक छह लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की है.
यह पिछले साल की इसी अवधि की बुवाई रकबे के मुकाबले 2.17 लाख हेक्टेयर अधिक है. चालू सत्र में अभी तक पंजाब में गेहूं खेती का रकबा 4.68 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 1.73 लाख हेक्टेयर है.
दालों की बुवाई ने गति नहीं पकड़ी है क्योंकि इस फसल की बुवाई का रकबा 28.22 प्रतिशत कम यानी 39.05 लाख हेक्टेयर ही है, जो रकबा पिछले साल की समान अवधि में 54.34 लाख हेक्टेयर था.
सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में दाल खेती का रकबा कम है. कर्नाटक में, दालों की खेती मात्र 5.52 लाख हेक्टेयर में की गयी है, जो रकबा पिछले साल की इसी अवधि में 11.28 लाख हेक्टेयर था.
मध्य प्रदेश में इसकी खेती का रकबा इस बार 12.26 लाख हेक्टेयर है जो पहले 17.62 लाख हेक्टेयर था. आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में भी दलहन खेती अभी कम है जो अभी तक 5.31 लाख हेक्टेयर में बोया गया है, जो रकबा पिछले साल की इसी अवधि में 7.47 लाख हेक्टेयर था.
जबकि राजस्थान में इसकी खेती का क्षेत्रफल 5.29 लाख हेक्टेयर है जो पहले 6.65 लाख हेक्टेयर था. इसी तरह, तिलहन खेती का रकबा कम यानी 37.09 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की इसी अवधि में 40.86 लाख हेक्टेयर था.
जबकि मोटे अनाज की खेती का रकबा इस बार 14.14 लाख हेक्टेयर है, जो पहले 22.65 लाख हेक्टेयर में बोया गया था. चावल खेती का रकबा भी चालू सत्र में अभी तक 5.24 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की इसी अवधि में 7.66 लाख हेक्टेयर था.
कुल मिलाकर, सभी रबी फसलों के खेती का रकबा इस बार कम यानी 110.71 लाख हेक्टेयर है जो पिछले सत्र की इसी अवधि में 138.16 लाख हेक्टेयर था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.