नयी दिल्ली : टाटा स्टील ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह कर्ज में डूबी भूषण पावर एंड स्टील के लिए 17,000 करोड़ रुपये की बोली को संभवत: नहीं बढ़ायेगी. सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के करीब 90 फीसदी कर्जदाताओं ने जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोली के पक्ष में वोट दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या टाटा स्टील अब भी भूषण पावर एंड स्टील को लेकर गंभीर है, तो कंपनी के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा कि हम उस कीमत पर गंभीर है, जो हमने बोली लगायी है.
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टाटा स्टील ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के कर्जदाताओं के सामने प्रतिद्वंद्वी कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील की बोली को अंतिम रूप देने को लेकर कथित तौर पर आपत्ति जतायी है. नरेंद्रन ने कहा कि हमने कहा है कि क्या प्रक्रिया के साथ समझौता किया गया है. बात इसकी नहीं है कि किसने बोली लगायी, क्योंकि इससे पहले जब हम राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के पास गये, तभी हमने महसूस किया कि लिबर्टी स्टील ने अंतिम तारीख के बाद बोली लगायी थी.
उन्होंने कहा कि जेएसडब्ल्यू ने भी अंतिम तिथि के बाद बोली लगायी. इसलिए हमारा केवल यह कहना है कि प्रक्रिया के साथ समझौता किया गया. इसमें किसी कंपनी के खिलाफ कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के साथ समझौते को लेकर हमारी बातों पर अदालत निर्णय करेगी. टाटा स्टील ने पिछले महीने एनसीएलएटी के समक्ष कहा था कि बीपीएसएल के कर्जदाताओं ने जेएसडब्ल्यू स्टील को बोली जका मरने के बाद मूल मानदंडों में बदलाव की अनुमति दी.
जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपनी पेशकश 11,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 19,000 करोड़ रुपये से ऊपर कर दिया. भूषण पावर एंड स्टील उन 12 फंसे कर्ज खातों में है, जिसे आरबीआई ने एनसीएलटी कार्यवाही के लिए भेजा है.
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