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Festive Season पर एक्साइज ड्यूटी की मार, आधी रात के बाद एसी-फ्रिज समेत 19 इंपोर्टेड आइटम महंगे

नयी दिल्ली : इस साल के त्योहारी सीजन में यदि आप इंपोर्टेड फ्रिज, वॉशिंग मशीन, ज्वेजरी या फिर किचेन का सामान खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो सावधान हो जायें. वजह यह है कि बुधवार की आधी रात से विदेशों से आयातित एसी-फ्रिज 19 वस्तुओं पर लगने वाला सीमा शुल्क की दरें बढ़ा दी […]

नयी दिल्ली : इस साल के त्योहारी सीजन में यदि आप इंपोर्टेड फ्रिज, वॉशिंग मशीन, ज्वेजरी या फिर किचेन का सामान खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो सावधान हो जायें. वजह यह है कि बुधवार की आधी रात से विदेशों से आयातित एसी-फ्रिज 19 वस्तुओं पर लगने वाला सीमा शुल्क की दरें बढ़ा दी गयी हैं, जिसकी मार आपकी जेब पर भी पड़ सकती है.

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सरकार ने बुधवार को जेट ईंधन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर समेत कुल 19 वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. यह बढ़ोतरी बुधवार की आधी रात से प्रभावी होगी. गैर-आवश्यक वस्तुओं का निर्यात घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था.

सरकार की ओर से जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं, उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, ज्वेलरी, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक के सामान और सूटकेस शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर शुल्क उपाय किये हैं. इसके पीछे उद्देश्य कुछ वस्तुओं का आयात घटाना है.

मंत्रालय का कहना है कि इन बदलावों से चालू खाते के घाटे (कैड) को सीमित रखने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर 19 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाया गया है. एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 फीसदी कर दिया गया है. आयात शुल्क में ये बदलाव 26-27 सितंबर की आधी रात से लागू होंगे.

चालू खाते के घाटे पर अंकुश तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह को रोकने के लिए ये उपाय किये गये हैं. विदेशी मुद्रा के अंतर्प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 फीसदी पर पहुंच गया है.

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