बीजिंग : चीन ने ‘जैसे को तैसा’ कहावत की तर्ज पर 50 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की शनिवार को ऐलान किया. अमेरिका ने शुक्रवार को ही 50 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इसी के साथ दुनिया की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर पहुंच गया है और एक तरह से व्यापार युद्ध की शुरुआत हो गयी है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बौद्धिक संपदा की चोरी तथा अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों का हवाला देकर चीन से आयातित 50 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी. चीन ने उसी वक्त जवाबी कदम उठाने की चेतावनी भी दी थी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीन की सरकार ने 50 अरब डॉलर के 659 अमेरिकी उत्पादों पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय किया है.
इसने कहा कि सरकार ने उन उत्पादों की सूची भी जारी की है, जिनपर ये अतिरिक्त शुल्क लगेंगे. चीन के सीमा शुल्क आयोग ने जारी बयान में कहा कि 34 अरब डॉलर के 545 अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क छह जुलाई से प्रभावी होंगे. इनमें कृषि उत्पाद और वाहन आदि शामिल हैं. शेष 114 उत्पादों जिनमें रासायनिक उत्पाद, चिकित्सकीय उपकरण और ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं, पर शुल्क लगाने की तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी.
अमेरिका ने शुक्रवार को घोषणा किया था कि छह जुलाई से 34 अरब डॉलर के चीनी उत्पाद पर अतिरिक्त शुल्क लगेंगे तथा शेष 16 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगाने के बारे में अभी समीक्षा की जायेगी. ट्रंप ने चीन द्वारा बदले की कार्यवाही करते हुए कदम उठाने की स्थिति में अतिरिक्त 100 अरब डॉलर के चीनी उत्पाद पर भी शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी.
चीन के एक अधिकारी ने नाम जाहिर किये बिना इस बाबत कहा कि चीन ने अमेरिका के इस बयान का संज्ञान लिया है. चीन इस बारे में जवाबी कदम उठाने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता है. ट्रंप ने सबसे पहले मार्च में कहा था कि अमेरिका चीन के 50 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुल्क लगायेगा. चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई की चेतावनी के बाद ट्रंप ने चीन के 100 अरब डॉलर के अतिरिक्त उत्पादों पर शुल्क लगाने की बात की थी. बाद में मई के मध्य में दोनों देशों ने इसके बारे में बातचीत शुरू की थी. हालांकि, महज 10 ही दिन बाद अमेरिका ने कहा था कि वह शुल्क लगायेगा.
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