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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के हालत में सुधार नहीं, लगातार बढ़ रहा है घाटा

नयी दिल्ली : कल सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों के नतीजे आये हैं. इन तीन बैंकों का घाटा पिछली तिमाही की तुलना में बढ़ गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक का शुद्ध घाटा 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाही में चार गुना बढ़कर 2,134.36 करोड़ रुपये हो गया. वहीं केनरा बैंक के तिमाही नतीजे […]

नयी दिल्ली : कल सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों के नतीजे आये हैं. इन तीन बैंकों का घाटा पिछली तिमाही की तुलना में बढ़ गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक का शुद्ध घाटा 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाही में चार गुना बढ़कर 2,134.36 करोड़ रुपये हो गया. वहीं केनरा बैंक के तिमाही नतीजे भी आ गये हैं. केनरा बैंक को चौथी तिमाही में 4,860 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी बैंक इलाहाबाद का NPA बढ़ जाने से 3,509.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इन बैंकों के नुकसान से स्थिति स्पष्ट है कि हालत सुधरने की बजाय और तेजी से बिगड़ रही है. सिर्फ एनपीए ही नहीं बढ़ा है, बल्कि आय में भी गिरावट दर्ज की गयी है.

इलाहाबाद बैंक को हुआ 3,509 करोड़ रुपये का नुकसान

सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के एनपीए के प्रावधान में तीन गुना इजाफा करने से 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाही में एकल आधार पर 3,509.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वित्त वर्ष 2016-17 की समान तिमाही में उसे 111.16 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. इससे पहले दिसंबर तिमाही में भी बैंक को 1,263.79 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की आय 5,105.07 करोड़ रुपये से कम होकर 4,259.88 करोड़ रुपये रह गयी है. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंक को 4,674.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि आय गिरकर 19,051.05 करोड़ रुपये पर आ गयी है. इस दौरान समग्र एनपीए 13.09 प्रतिशत से बढ़कर 15.96 प्रतिशत पर पहुंच गया है. हालांकि शुद्ध एनपीए में कमी आयी है और 8.92 प्रतिशत से कम होकर 8.04 प्रतिशत पर आ गया है.

केनरा बैंक को 4,859.77 करोड़ रुपये का नुकसान

सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक को फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान के चलते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 4,859.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वित्त वर्ष 2016-17 की समान तिमाही में उसे 214.18 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि आलोच्य तिमाही में उसने गैर – निष्पादित परिसंपत्ति यों ( एनपीए ) के मद में प्रावधान करीब 200 प्रतिशत बढ़ाकर 2,924.08 करोड़ रुपये की तुलना में 8,762.57 करोड़ रुपये कर दिया है. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंक को 4,222.24 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. जबकि 2016-17 के दौरान उसे 1,121.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय 12,899.20 करोड़ रुपये से कम होकर 11,555.11 करोड़ रुपये रह गयी. पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल आय 48,942.04 करोड़ रुपये से कम होकर 48,194.94 करोड़ रुपये पर आ गयी. आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक का समग्र एनपीए 9.63 प्रतिशत से बढ़कर 11.84 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 6.33 प्रतिशत से बढ़कर 7.48 प्रतिशत पर पहुंच गया. केनरा बैंक का शेयर बंबई शेयर बाजार में 0.92 प्रतिशत गिरकर 246.35 रुपये प्रति इकाई पर बंद हुआ.

देना बैंक का शुद्ध घाटा 1225 करोड़ रुपये

सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक का शुद्ध घाटा मार्च तिमाही में बढ़कर 1,225.42 करोड़ रुपये हो गया। बैंक का कहना है कि बढ़ते फंसे कर्ज व उसके लिए ऊंचे प्रावधान के चलते आलोच्य तिमाही में उसका घाटा बढ़ा. बैंक ने कहा है कि जनवरी – मार्च 2016-17 की तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 575.26 करोड़ रुपये रहा था. इसी तरह बढती गैर निष्पादित आस्तियों ( एनपीए ) के बीच बैंक ने सालाना आधार पर भी , लगातार तीसरे साल शुद्ध घाटे की सूचना दी है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए बैंक का शुद्ध घाटा 1,923.15 करोड़ रुपये रहा. बैंक को 2016-17 में 863.63 करोड़ रुपये , 2015-16 में 935.32 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. इससे पहले 2014-15 में बैंक को 265.48 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. चौथी तिमाही में बैंक की कुल आय घटकर 2,390.68 करोड़ रुपये रही जबकि उसकी ब्याज आय घटकर 2,067.38 करोड़ रुपये रह गई है. समूचे वित्त वर्ष में बैंक की आय 10,095.75 करोड़ रुपये रह गई जो कि 2016-17 में 11,433.07 करोड़ रुपये रही थी.

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