नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद भारतीय मुद्रा में बड़े नोटों के रूप में बाजार में प्रचलन में आये 2000 रुपये के करारे नोट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने सवाल खड़े किये हैं. तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने बुधवार को मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वह देश भर में नोटों की कमी के पीछे के वास्तविक कारण बताये और यह भी बताये कि क्या उसकी योजना 2000 रुपये के नोट बंद करने की है.
वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति के सदस्य त्रिवेदी ने कहा कि मैं महसूस करता हूं कि नोटों की कमी का वास्तविक कारण यह है कि सरकार ने शायद 2000 रुपये मूल्य के करेंसी नोट बंद करने का फैसला किया है. तृणमूल नेता ने ‘नोट की कमी के पीछे की हकीकत’ पर सरकार से तत्काल बयान की मांग की. उन्होंने कहा कि लोगों को जानने का हक है और लोकतंत्र में आप किसी को गुमराह नहीं कर सकते.
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त्रिवेदी ने सवाल किया कि क्या 2000 रुपये का नोट बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों से तथ्य नहीं छिपाने चाहिए. तृणमूल नेता ने कहा कि खुद उन्हें पिछले कई माह से बैंक से उच्च मूल्य के करंसी नोट नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने 2016 की नोटबंदी की कवायद का जिक्र करते हुए कहा कि 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को प्रचलन से हटा दिया गया था और तब धन के परिमाण की भरपाई के लिए 2000 रुपये के नोट लाये गये थे.
उल्लेखनीय है कि अनेक विपक्षी पार्टियों ने नोटों की कमी पर मंगलवार को सवाल खड़े किये थे. तृणमूल प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा था कि क्या देश में वित्तीय आपातकाल है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि अनेक राज्यों में एटीएम में नोट नहीं होने की रिपोर्ट देख रही हूं. बड़े नोट नदारद हैं. नोटबंदी के दिनों की याद दिला दिला रहे हैं. क्या देश में वित्तीय आपातकाल चल रहा है?
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