मुंबई : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की पूर्व प्रमुख उषा अनंतसुब्रमण्यन ने शुक्रवार को माना कि स्विफ्ट के मूल बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) से जुड़ाव नहीं होना बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि बैंक को तत्काल अपनी निगरानी प्रणाली की नये सिरे से जांच कर किसी तरह की खामी को दूर करना चाहिए. अनंतसुब्रमण्यन फिलहाल इलाहाबाद बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
इसे भी पढ़ें : PNB घोटाला: CBI को मिली बड़ी सफलता, फर्जी LoU जारी कराने वाला गोकुलनाथ शेट्टी गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद बैंक की स्विफ्ट प्रणाली भी सीबीएस से नहीं जुड़ी है. फिलहाल, दोनों प्रणालियों को जोड़ने का काम चल रहा है. देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में 1.77 अरब डॉलर का घोटाला सामने आया है. अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी की मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा से धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से साख पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लिया था. पीएनबी में कथित तौर पर यह धोखाधड़ी 2011 में शुरू हुई थी.
अनंतसुब्रमण्यन अगस्त, 2015 से मई 2017 के दौरान पीएनबी की प्रबंध निदेशक व सीईओ थीं. वह जुलाई, 2011 से नवंबर, 2013 तक पीएनबी की कार्यकारी निदेशक थीं. उन्होंने कहा कि जिन बैंकों ने अभी तक स्विफ्ट को सीबीएस से नहीं जोड़ा है, उन्हें रिजर्व बैंक ने इस प्रक्रिया को 30 अप्रैल, 2018 तक पूरा करने को कहा है.
उन्होंने कहा कि यह समयसीमा हो सकती है, लेकिन आज हर कोई लिंकेज ऑफ सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) को सीबीएस से जोड़ना चाहता है. पिछले सप्ताह इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने पीएनबी घोटाले पर विचार विमर्श किया था. इस बैठक में अनंतसुब्रमण्यन के अलावा बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ दीनबंधु मोहापात्रा, आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी एनएस कन्नन और आईबीए के डिप्टी सीईओ बी राजकुमार भी मौजूद थे.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.