रायपुर : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि मोदी सरकार निजीकरण के पीछे तुली हुई है. कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह मान्यता गलत है कि सारी सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है तथा उनका लक्ष्य है कि सरकार को जो काम करना है, उसे बेहतर तरीके से करना चाहिए. वह लगातार समीक्षा भी करते हैं.
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कुमार ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था जैसे काम सरकार को करने हैं और वह कर रही है. यहां छत्तीसगढ़ में भी प्रयास विद्यालय जैसे बेहतर काम हो रहे हैं, लेकिन यह जो एक भ्रम सा फैलाया जा रहा है कि मोदी सरकार निजीकरण के पीछे तुली हुई है. यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आप एयर इंडिया का बात करेंगे, तो खुद ही स्वीकार करेंगे कि उसको बेहतर करने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि सार्वजनिक सेवाओं के लिए कभी भी इस सरकार ने निजीकरण की बात उठायी है.
राजीव कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के आदेश पर नीति आयोग ने यह तय किया है कि आयोग सारे राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा तथा डेवलेपमेंट पार्टनर की तरह काम करेगा. हमलोग यह प्रयत्न कर रहे हैं कि हम स्वयं सभी राज्यों में जायें और वहां के लोगों से मिलें और वहां की स्थिति के आधार पर विकास का एजेंडा बनाया जाये न कि यहां दिल्ली में बैठकर बनाया जाये.
कुमार ने इस दौरान राज्य सरकार की कई योजनाओं की तारीफ की और कहा कि इनमें से कुछ योजनाएं दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बन सकती हैं. उन्होंने नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के विकास को लेकर कहा कि बस्तर अपने में विशेष क्षेत्र है. यहां जो भी विकास का काम करना है, उसके लिए बहुत जल्द नीति आयोग बैठक बुलायेगा और उस पर विचार किया जायेगा.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया है कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नीति आयोग पूरी मदद करेगा. कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तेज गति से विकास हुआ है और इसे और तेज होना है. आदिवासी क्षेत्रों में जहां गरीबी ज्यादा है, वहां और भी बेहतर काम करने की जरुरत है. वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक काम करने की जरुरत है.
उन्होंने कहा कि राज्य में कुपोषण तथा संपर्क साधनों पर भी काम करने की जरूरत है. यहां बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां रेल, सड़क और टेलीकॉम की सुविधा अन्य स्थानों के मुकाबले कम है. इस क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत है.
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