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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना, पिछला तीन साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए था मुश्किल भरा समय

वाशिंगटनः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात को स्वीकार किया है कि पिछले तीन साल का समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल भरा समय था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल बहुत ही मुश्किल भरे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि विश्व अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है, तो उसका मांग पर परिणामी असर होगा और […]

वाशिंगटनः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात को स्वीकार किया है कि पिछले तीन साल का समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल भरा समय था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल बहुत ही मुश्किल भरे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि विश्व अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है, तो उसका मांग पर परिणामी असर होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े होने की वजह से भारत पर भी इसका असर होगा. जिस तरह वह भारतीय अर्थव्यवस्था को देखते हैं, तो आने वाले महीनों और साल में यह संभाविक तौर पर ऊपर बढ़ेगी.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रहे मजबूत सुधार का लाभ उठाने के लिए एक अलग तरह का भारत तैयार है. भारत में हाल के महीनों में कई तरह के सुधार किये गये हैं. नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर के अलावा नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय पहुंचने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में जेटली ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लैगार्ड और विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम के उस वक्तव्य का समर्थन किया कि विश्व अर्थव्यवस्था में एक मजबूत सुधार दिखाई दे रहा है.

किम ने पत्रकारों से कहा कि कई सालों की असंतोषजनक वृद्धि के बाद वैश्विक आर्थिक वृद्धि सुधार के रास्ते पर है. एक अलग प्रेसवार्ता में क्रिस्टीन ने कहा कि उन्हें इस साल और अगले साल बेहतर वैश्विक आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है. यहां आईएमएफ के मुख्यालय में उद्योग संगठन फिक्की की एक संगोष्ठी में जेटली ने कहा कि जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है, तो सभी संकेत बताते हैं कि दुनियाभर में सकारात्मक माहौल है. उन्होंने कहा कि भारत में अब बेहतर अवसर हैं.

जेटली ने कहा कि इसमें पहला कारक होता है, क्या हम लोगों को आने की अनुमति देते हैं. निश्चित रूप से एक देश के तौर पर हमने देश में और अधिक निवेश के महत्व को महसूस किया है. हमने कई सालों में प्रक्रियाबद्ध तरीके से अपनी नीतियों को आसान बनाया है और हम संभावित तौर पर दुनिया की सबसे उदार अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ उदार नहीं हुआ है बल्कि इसने प्रवेश की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि लेकिन यह एक कड़वी सच्चाई है कि इतनी खुली व्यवस्था होने के बाद भी उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है. जब निवेशक भारत में प्रवेश करें, तो उन्हें और सहज महसूस होना चाहिए और तब उन्हें यह महसूस हो सकेगा कि कारोबार करने के लिए भारत एक बेहतर स्थान है. जेटली ने कहा कि इस मायने में भारत एक अलग देश है.

उन्होंने कहा कि भारत के संघीय ढांचे और बहु-पार्टी चरित्र के बावजूद अब केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बिना किसी भेदभाव के यह भावना है कि उनके राज्य में निवेश आये. इसलिए अब हर कोई ऐसा वातावरण तैयार कर रहा है जो निवेश के ज्यादा अनुकूल हो. दूसरा कारक भारत ने अपनी बहुत सी प्रक्रियाओं को कम किया है, ताकि वह और अधिक कारोबार सुगमता को स्थापित कर सके.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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