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अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में सरना कोड व 1932 का खतियान पर क्या बोले सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र के पास भेज दिया है. भारत का पहला राज्य झारखंड है, जिसने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है. 20 साल डबल इंजन की सरकार रही है, लेकिन इनलोगों ने आदिवासियों के लिये सरना कोड नहीं लाया.

International Santal Sarna Dharma Conference: सीएम हेमंत सोरेन ने बोकारो के ललपनिया में 22वें अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज आज भी सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है. हमें इन सबसे आगे आना होगा. जागरूक होना होगा. वर्ल्ड में सबसे ज्यादा आदिवासी संताल समाज है. इसके बावजूद आईएएस, आईपीएस, जज, वकील, डीएसपी, डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बन पा रहे हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे कुछ परिवर्तन दिख रहा है व सरकारी नौकरियों में हमारे लोग आ रहे हैं. हमारी सरकार ने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र के पास भेज दिया है. भारत का पहला राज्य झारखंड है, जिसने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है.

आदिवासी मुख्यमंत्री देखकर कुछ लोगों को होती है जलन

सीएम ने कहा कि जब तक हमारा समाज जागरूक होकर सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से सबल नहीं होगा, तब तक हमारा सही रूप से उत्थान संभव नहीं है. संताल आदिवासी समाज में एक बड़े बदलाव के लिये लोग आगे आयें. झारखंड के लिए हमारे समाज के कितने लोग शहीद हुए. आज उन शहीदों की प्रतिमाओं पर हम माल्यापर्ण कर रहे हैं. जिस तरह ओडिशा के जगरन्नाथ पुरी में हमारा समाज भगवान महाप्रभु का रथ खींचता है, उसी तरह झारखंड में भी हमारा समाज मिलजुलकर विकास के रथ को खींचने का काम करे. दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने का काम किया. आज हम उन्हीं के विचारों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. इस राज्य में कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि आदिवासी आगे बढ़ें. आज आदिवासी मुख्यमंत्री को देखकर कुछ लोगों को जलन होती है. अभी भी आदिवासी समाज शोषण का शिकार हो रहा है.

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1932 का खतियान व सरना कोड का प्रस्ताव

सीएम ने कहा कि उन्होंने 1932 का खतियान लाया. इसको बचाना होगा. 20 साल डबल इंजन की सरकार रही है, लेकिन इनलोगों ने आदिवासियों के लिये सरना कोड नहीं लाया. हमारी सरकार ने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र के पास भेज दिया है. भारत का पहला राज्य झारखंड है, जिसने सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है. आज सरकार व अधिकारी गांव तक जा रहे है. गरीबों को पेंशन मिल रही है. विधवा व वृद्धा का पेंशन के लिये कानून बनाया. आज हमारे समाज के कितने बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं, इस पर चिंतन मनन करें व बच्चों की शिक्षा पर जोर दें. हमारी सरकार आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को विदेश पढ़ाई के लिये भेज रही है. आनेवाले पांच-दस साल बाद इसका परिणाम देखने को मिलेगा.

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हड़िया-दारू छोड़ करें बिजनेस

आप हड़िया-दारू छोड़कर बिजनेस में आगे बढ़ें. सरकार आपके लिये कई योजनाएं ला रही है. बकरी, मुर्गी, सुअर पालन करें. किराना स्टोर खोलें. आज भी हमारे समाज में पहले के लोग कितने हट्ठे-कट्ठे हैं, लेकिन अब का जेनरेशन हड़िया-दारू के कारण जल्दी बूढ़ा दिखने लगता है. उन्होंने कहा कि लुगुबुरु में कला-संस्कृति, म्यूजियम, मंदिर का सौंदर्यीकरण, पुस्तकालय, शौचालय, पहाड़ तक चढ़ने के लिये सुंदर पथ सहित विकास के कार्यों को गति दिया जा रहा है. इसके लिये 30 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. पूजा कमेटी अपनी देखरेख में इन कार्यों को धरातल पर उतारने का काम करे. संताल आदिवासी के पाहन, मुंडा, मानकी सबको यह सरकार सम्मान दे रही है. सभी को विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास दिला रही है. हमारी सरकार सबको साथ लेकर चलती है.

रिपोर्ट: राकेश वर्मा, बेरमो, बोकारो

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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