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Bihar Election 2025: बिहार चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. हर पार्टी अपनी ओर से जनता को लुभाने के लिए लुभावने वायदे कर रही है. पार्टियां हर जाति, हर समुदाय, हर वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने में लगी है. युवाओं को भी सपने दिखाये जा रहे हैं. राजनीतिक दलों के अपने-अपने मुद्दे हैं, जिसके आधार पर वे चुनाव के मैदान में जा रहे हैं. जनता के भी अपने मुद्दे हैं. प्रभात खबर के इलेक्शन एक्सप्रेस के दौरान कई ऐसे मुद्दे सामने आये, जिसका राजनीतिक दलों के लिए कोई मायने नहीं हैं.
युवाओं से सुनिए, कैसी सरकार चाहते हैं वे
आज हम आपको बताते हैं बिहार के युवाओं के मुद्दों के बारे में. क्या हैं उनके मुद्दे. कैसी सरकार चाहते हैं बिहार के युवा मतदाता. प्रभात खबर की टीम ने युवाओं से बात की, तो पता चला कि उनके लिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार और रोजगार सृजन दो ही अहम मुद्दे हैं. युवाओं ने कहा कि वे ऐसी सरकार चाहते हैं, जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करे और रोजगार के अवसर पैदा करे.
बिहार में 18 से 29 साल के 1.63 करोड़ वोटर
प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) की टीम ने जिन युवाओं से बात की, उनमें बड़ी संख्या उन वोटर्स की थी, जो बिहार चुनाव 2025 में पहली बार मतदान करेंगे. यानी इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है. ये लोग राज्य में बेरोजगारी और पलायन की स्थिति से चिंतित हैं. बिहार में युवा मतदाताओं की संख्या 1.63 करोड़ है, जिनकी उम्र 18 से 29 वर्ष के बीच है. कुल मतदाताओं में इन युवा मतदाताओं की हिस्सेदारी 22 से 25 प्रतिशत तक है. यानी इस वर्ग में सरकार बनाने और बिगाड़ने की क्षमता है.
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अभिनव शुक्ला को अब तक की सरकारों ने किया निराश
पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के स्नातकोत्तर के छात्र अभिनव कुमार शुक्ला का कहना है कि सरकारों ने हमेशा युवाओं को निराश किया है. वह भी निराश हैं. उनकी उम्मीदें खत्म हो चुकीं हैं. अभिनव बिहार राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा(एसटीईटी) परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य में व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन की जरूरत है.

दृष्टिबाधित छात्र संतोष की नजर में पटना विश्वविद्यालय ने खो दिया ‘ऑक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट’ का गौरव
जमुई जिले के दृष्टिबाधित छात्र संतोष कुमार कहते हैं कि पटना विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति वह नहीं है, जो अतीत में था. पटना विश्वविद्यालय का गौरवशाली अतीत रहा है. इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र देश-विदेश में नाम कमा चुके हैं, लेकिन आज इसकी स्थिति बेहद खराब है. संतोष कहते हैं कि पटना विश्वविद्यालय ‘ऑक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट’ का गौरव अब नहीं रह गया है.
लखनऊ के किशोर बोले- बिहार में विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 का नहीं हो रहा ठीक से क्रियान्वयन
किशोर कुमार सिंह लखनऊ स्थित शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के छात्र हैं. अभी पटना विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधित छात्रावास में रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 का बिहार में ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा. मैं ऐसी पार्टी को वोट दूंगा, जो शिक्षा को प्राथमिकता दे और इस अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करे.’ किशोर ने दावा किया कि बिहार के विश्वविद्यालयों में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ऑडियो लैब जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं.
कुछ छात्रों ने की प्रशांत किशोर की घोषणा की सराहना
पटना में पढ़ने वाले छात्रों ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर के उस दावे की सराहना की, जिसमें इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आयी, तो बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

उर्दू विभाग की महजबीन को जन सुराज से है ‘उम्मीद’
पटना विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रथम वर्ष की छात्रा महजबीन फिरदौस पहली बार मतदान करेंगी. उनका कहना है कि जन सुराज उन्हें ‘उम्मीद की किरण’ लगती है, हालांकि उन्होंने कहा कि मतदान से पहले वह परिवार से सलाह लेंगी.
शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत खराब – गौरव कुमार
मनोविज्ञान विभाग के स्नातकोत्तर में पढ़ रहे गौरव कुमार ने कहा, ‘शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की हालत खराब है. भ्रष्टाचार चरम पर है. पलायन बिहार की सबसे बड़ी समस्या बन गया है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे क्षेत्र जहानाबाद ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) शासन में सबसे ज्यादा नुकसान झेला था, हम नहीं चाहते कि वह दौर दोबारा लौटे.’
Bihar Election 2025: डीके प्रताप को है इंडिया गंठबंधन से उम्मीदें
पटना साइंस कॉलेज के क्रिकेट ग्राउंड पर प्रैक्टिस करने वाले बेतिया के छात्र डीके प्रताप ने कहा, ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार शिक्षा, रोजगार और पलायन नियंत्रण के मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है.’ डीके को इंडिया गठबंधन से उम्मीदें हैं.

भूगोल के छात्र ने कहा- उम्मीदवार को देखकर करेंगे वोट
भूगोल विभाग में अध्ययन कर रहे ध्रुव कुमार ने कहा, ‘मैं इस कॉलेज में बड़ी उम्मीदों के साथ आया था, लेकिन शिक्षण पद्धति पुरानी और अप्रभावी है. शिक्षा प्रणाली में शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक लापरवाही झलकती है.’ उन्होंने कहा कि वे अपनी सीट के उम्मीदवारों की गुणवत्ता देखकर ही वोट तय करेंगे.
नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से निराश हैं पूर्णिया के छात्र
पूर्णिया के एक अन्य छात्र ने कहा कि ‘नयी शिक्षा नीति का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर बेहद कमजोर है.’ उन्होंने इच्छा जतायी कि ‘ऐसा युवा नेता उभरे, जो आधुनिक शिक्षा की जरूरतों को समझता हो.’
सारण की अंशाली बोलीं- शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने और नागरिक अनुशासन को विकसित करने की जरूरत
सारण की रहने वाली छात्रा अंशाली पाठक ने कहा कि शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने और नागरिक अनुशासन को विकसित करने की जरूरत है, जो केवल एक सक्षम सरकार और जागरूक नागरिकों के संयुक्त प्रयास से ही संभव है.
बिहार में चुनाव कब होगा?
बिहार में विधानसभा के चुनाव की तारीख की घोषणा हो चुकी है. नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. बिहार में इस बार 2 चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं. पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी.
बिहार में युवाओं के क्या हैं मुद्दे?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में युवाओं ने कहा है कि उन्हें अब तक की सरकारों ने निराश ही किया है. वे ऐसी सरकार बिहार में चाहते हैं, जो शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर सके और रोजगार का सृजन करने में सक्षम हो.
बिहार का मुख्यमंत्री कौन है?
जनता दल यूनइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2005 से वह लगातार बिहार के सीएम की कुर्सी पर विराजमान हैं. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
नीतीश कुमार का मुकाबला इस बार किससे है?
बिहार चुनाव 2025 में सीधे तौर पर नीतीश कुमार का मुकाबला किसी से नहीं है, क्योंकि वह खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. हां, मुख्यमंत्री के रूप में उनका मुकाबला तेजस्वी यादव से है, जो लालू प्रसाद यादव के पुत्र हैं. तेजस्वी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किये गये हैं. इस गठबंधन में कांग्रेस और वीआईपी जैसे दल शामिल हैं.
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