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इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी में विस्फोट! कंज्यूमर को मिला 10 लाख का मुआवजा

मेडक में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष गज्जला वेंकटेश्वरलु और सदस्य मक्यम विजय कुमार की टीम ने इस बात पर जोर दिया कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी में विस्फोट के कारणों को समझना निर्माता की जिम्मेदारी है.

Consumer Forum Direction: भारत में आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड काफी बढ़ गई है. खासकर, सिटी राइड के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर और ईवी कारों को खूब पसंद किया जा रहा है. लेकिन, इस बीच चौंकाने वाली खबर यह भी है कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बैटरी में विस्फोट की सूचनाएं भी आ रही हैं और लोग बैटरी के फट जाने के बाद उपभोक्ता फोरम के दरवाजे भी खटखटा रहे हैं. अभी हाल ही में तेलंगाना में एक उपभोक्ता आयोग ने इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी फटने के बाद वाहन निर्माता कंपनी बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को 10 लाख रुपये का मुआवजा ग्राहक को देने का निर्देश दिया है.

10 लाख रुपये के मुआवजे का निर्देश

बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना में एक उपभोक्ता आयोग ने हाल ही में इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता बेनलिंग को एक इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी फटने के बाद एक ग्राहक को मुआवजे के तौर पर 10 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया है. उपभोक्ता आयोग की ओर से यह फैसला कांडी शैलजा और अन्य बनाम बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य मामले में सुनाया गया है.

कंपनी ने मामले में नहीं दिखाई दिलचस्पी

रिपोर्ट में कहा गया है कि मेडक में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष गज्जला वेंकटेश्वरलु और सदस्य मक्यम विजय कुमार की टीम ने इस बात पर जोर दिया कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी में विस्फोट के कारणों को समझना निर्माता की जिम्मेदारी है. हालांकि, इस विशेष मामले में आयोग ने वाहन निर्माता कंपनी निश्चिंत पाया. आयोग ने अपने निर्देश में कंपनी को कहा कि यह निर्माता का कर्तव्य है कि वह विस्फोट के कारणों को समझे और शिकायतकर्ताओं को हुए नुकसान की भरपाई करे. हालांकि, मौजूदा मामले में ऐसा दिखाई देता है कि निर्माताओं को घटना की जांच करने और समर्थन करने की कोई परवाह नहीं है. आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ताओं के द्वारा कई संपर्क साधने के बावजूद निर्माता ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

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फरवरी 2023 में फटी थी स्कूटर की बैटरी

जिला उपभोक्ता आयोग उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 35 (1) के तहत एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2021 में बेनलिंग से खरीदा गया एक इलेक्ट्रिक स्कूटर फरवरी 2023 में अचानक फट गया. शिकायतकर्ताओं ने 13.5 लाख के हर्जाने और 40,000 के मुकदमे के खर्च के साथ स्कूटर के बदले दूसरे स्कूटर की मांग की. शिकायतकर्ताओं ने यह भी कहा कि यदि स्कूटर बदलना संभव नहीं था, तो उन्होंने 18 प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ इसके खरीद मूल्य के बराबर मुआवजे का अनुरोध किया. शिकायतकर्ताओं ने आयोग को सूचित किया कि शिकायतों और संपर्क करने के बावजूद न तो वाहन निर्माता और न ही वाहन डीलर उनके आवास पर आए और न ही जवाब दिया. इससे शिकायतकर्ता को कानूनी नोटिस भेजने के लिए मजबूर हुए.

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आयोग के नोटिस के बाद भी हाजिर नहीं हुई निर्माता कंपनी

हालांकि, उपभोक्ता आयोग की ओर से निर्माता और डीलर को भी नोटिस भेजा गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद आयोग ने एकपक्षीय आदेश देते हुए इस बात पर जोर दिया कि वाहन की बैटरी में विस्फोट कई कारणों से हो सकता है और इसलिए निर्माता के लिए ऐसे विस्फोट के कारणों को समझना और उसे ठीक करना उचित है. यदि यह उनके द्वारा बेचे गए अन्य सभी वाहनों में बना रहता है, तो वे उत्पादों को वापस ले सकते हैं. संपत्ति और जीवन के संभावित नुकसान से बचने के लिए उनमें सुधार कर सकते हैं. आयोग ने आगे कहा कि उनके द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी बेनलिंग ने इस मुद्दे में लापरवाही बरती और नोटिस का जवाब देने या उसके सामने पेश होने की भी जहमत नहीं उठाई. निर्माता और डीलर की लापरवाही के बाद आयोग ने ग्राहक को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश जारी किया है.

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