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अनिल प्रकाश
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Opinion
बढ़ते तापमान से मुश्किल में जीवन
हमने अपनी जीवनशैली को कुछ इस तरह बना दिया है कि अब हम उन आवश्यकताओं से बहुत ऊपर उठ गये हैं जो जीवन का आधार मात्र थीं.
Opinion
चुनाव में प्रकृति पर भी रहे ध्यान
हमने कभी इस तरह से मुद्दे खड़े ही करने की कोशिश नहीं की, इसलिए राजनीतिक दलों के ऊपर सारा दोष नहीं मढ़ा जा सकता है. इसके लिए हम ही दोषी हैं, यह स्वीकार किया जाना चाहिए.
Opinion
चिपको आंदोलन : पर्यावरण को बचाने की आवाज
पर्यावरण के बिगड़ते जाने की बात को दृष्टि में रखते हुए, यह स्वीकार किया गया कि इस क्षेत्र में वनों की कमी और उसके कारण हो रहे विनाश के पीछे वनों की व्यावसायिक बिक्री है, जो विनाशकारी साबित हो रही है.
Opinion
जल संकट पर नये सिरे से चर्चा हो
पानी आवश्यकता ही नहीं, हमारे प्राणों से जुड़ा है. इसके लिए हम सबकी पहल जरूरी है, अन्यथा आने वाले समय में क्या देश और क्या दुनिया सभी को प्यासा ही गुजर करना होगा.
Opinion
विलासितापूर्ण जीवन पर नियंत्रण जरूरी
सुंदर दुनिया को तभी भोग सकते हैं, जब जीवन बिना लड़खड़ाये टिकने योग्य हो. मात्र एक बात कि हम किस तरह अपनी आवश्यकताओं तक सीमित रहें. अपने आराम और विलासिता वाले जीवन पर कुछ अंकुश लगायें.
Badi Khabar
हमारे त्योहारों में प्रकृति से जुड़ने के संदेश
निश्चित रूप से पश्चिमी देशों की पहल विकास को लेकर रही है, लेकिन अगर प्रकृति के संरक्षण से जुड़े सवालों के उत्तर इसी देश में हैं, जहां हम विभिन्न तरह के पूजा-पर्वों में प्रकृति को जोड़ लेते हैं. ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम अपने पर्वों, खास तौर से बसंत पंचमी, में प्रकृति को प्रणाम भी करें.
Opinion
लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते हैं जलवायु सम्मेलन
कॉप जैसी बैठकें अंतरराष्ट्रीय हैं, पर देखा गया है कि यह मात्र 10 से 20 प्रतिशत से ज्यादा अपने संकल्प पर खरी नहीं उतरतीं. इसलिए अब दुनियाभर में कॉप जैसी बैठकों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं कि ये अपने लक्ष्य तक क्यों नहीं पहुंच पाती हैं.
Opinion
उत्तराखंड सुरंग हादसा से सबक सीखने की जरूरत
यह संयोग ही था कि त्योहार का समय होने के कारण वहां मात्र 41 लोग ही मौजूद थे, वरना अगर कोई अन्य समय होता तो यह संख्या 300 से 400 हो जाती. इतने ढेर सारे जीवन के फंसने का पूरे तंत्र पर अत्यधिक असर पड़ता.
Opinion
चिंताजनक हैं लगातार आते भूकंप
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में आठ की तीव्रता का भूकंप हिमालय को हिला सकता है. ऐसे में जिस ओर हमारी समझ बननी चाहिए कि पृथ्वी के पर्यावरण सतह पर हम जो भी गतिविधि करें, वह कम से कम ऐसी हो कि जिससे प्रकृति को ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े.